जब एक से बढ़कर एक लाइट उपलब्ध हैं तो दीपावली पर दीपक क्यों जलाते हैं, पढ़िए- GK in Hindi

कथाओं में सुनाया जाता है कि प्रभु श्री राम जब अहंकारी रावण का वध करने के बाद अयोध्या वापस लौटे तो नगर वासियों ने घरों के बाहर दीपक जलाकर उत्सव मनाया और अपने प्रिय राजा, श्रीराम का स्वागत किया। यह त्रेता युग की बात है। तब इलेक्ट्रिसिटी नहीं थी। अब भरपूर मात्रा में इलेक्ट्रिसिटी है। बाजार में एक से बढ़कर एक रंगीन लाइट मौजूद है। पूरे आसमान में रोशनी कर सकते हैं तो फिर क्या कारण है कि दीपावली के अवसर पर आज भी घरों के बाहर दीपक जलाए जाते हैं। आइए पता लगाते हैं:- 

दीपावली के दीपक में कौन सा घी और तेल डाला जाता है

अपने प्रश्न का उत्तर साइंस की किताब में तलाशना चाहिए क्योंकि वहां पर किसी भी चीज की यूटिलिटी का पता चल जाता है। भारतीय धर्म ग्रंथों में दीपावली के अवसर पर घर के भीतर गाय के घी के दीपक और घर के बाहर तेल के दीपक जलाने का विधान लिखा हुआ है। 

गाय के घी का दीपक जलाने से क्या फायदा होता है

विज्ञान कहता है कि गाय का घी जलाने से वातावरण का ऑक्सीकरण होता है। यानी घर के भीतर मौजूद जहरीली गैसों की मात्रा कम हो जाती है और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। वैसे भी अमावस्या की रात वातावरण में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने की जरूरत होती है। यानी घर के भीतर गाय के घी का दीपक अपन अपनी हेल्थ के लिए जलाते हैं। 

खाद्य तेल का दीपक क्यों जलाते हैं

अब बात करते हैं तेल के दीपक की। साइंस बोलता है कि खाद्य तेल को जलाने से वातावरण में ऊर्जा का संतुलन होता है। सरल शब्दों में बताएं तो नेट जीरो की स्थिति बनती है, जिसके लिए दुनिया भर के देश हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं। यह परंपरा त्रेता युग में स्थापित की गई थी जब पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा बहुत कम थी। आज जब ऑक्सीजन का लेवल लगातार घटता जा रहा है और कोविड-19 एवं डेल्टा जैसे वायरस दुनिया भर में लाखों लोगों की मृत्यु का कारण बन रहे हैं। जरा सोचिए, नेट जीरो की स्थिति पाने के लिए कितनी मात्रा में खाद्य तेलों के दीपक जलाने चाहिए।

धर्म शास्त्रों में लिखा है कि घर के भीतर प्रतिदिन सुबह-शाम घी का दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती है। नेगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है। घर के भीतर वायरस प्रवेश नहीं कर पाते। इसी प्रकार खाद्य तेल का दीपक जलाने से शत्रु का संहार, ऋण से मुक्ति और रोगों से मुक्ति मिलती है। 

दीपक को प्रज्वलित करते समय एक मंत्र के उच्चारण का भी विधान शास्त्रों में बताया गया है। 

शुभम् करोति कल्याणम् आरोग्यम् धन संपदा। 
शत्रु वृद्धि विनाशाय दीप ज्योति नमोस्तुते।।

मेरे घर परिवार का शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य एवं धन संपदा प्रदान करने वाली, शत्रुओं की वृद्धि का विनाश करने वाली दीप ज्योति को मैं श्रद्धा पूर्वक प्रणाम करता हूं।

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