भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा सत्ता में रिक्त पदों पर बंपर नियुक्तियों के लिए सहमति बन गई। स्वाभाविक है सब कुछ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए किया जा रहा है।
राजधानी भोपाल में संपन्न हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल नहीं हुए। इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला यह हुआ है कि मध्य प्रदेश के 18 जिले जहां पर भारतीय जनता पार्टी नगर पालिका चुनाव हार गई, जिला अध्यक्षों को बदल दिया जाएगा। जो नेता पार्टी को चुनाव नहीं जीता सकते। बागियों को कंट्रोल नहीं कर सकते। ऐसे नेताओं को जिलाध्यक्ष के पद पर नहीं रखा जाएगा।
मध्य प्रदेश भाजपा कार्यसमिति का दूसरा महत्वपूर्ण फैसला यह हुआ कि सरकारी निगम मंडल, जनभागीदारी समिति एवं सरकारी वकील सहित सभी रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि सत्ता में भागीदारी के लिए कई पदों पर नेताओं की नियुक्तियां की जाती हैं। फिलहाल बहुत सारे पद खाली पड़े हुए हैं। गुटबाजी और विवाद होने के कारण कई फैसले स्थगित हुए और फिर उन पर कभी विचार ही नहीं हुआ।
मध्य प्रदेश के बड़े जिलों में 2-2 प्रभारी मंत्री नियुक्त किए जाएंगे
बैठक में निर्णय हुआ कि बड़े जिलों की जिम्मेदारी अब 2 और 3 मंत्रियों को दी जाएगी। इसके लिए नया फॉर्मूला बनाया गया है। जिलों में प्रभारी मंत्री के साथ एक टीम भी रहेगी। वर्तमान व्यवस्था के तहत एक मंत्री के पास अधिकतम 2 जिलों के प्रभार हैं, लेकिन अब 1 जिले में एक से अधिक मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। खासकर उन जिलों में जहां हाल में हुए स्थानीय निकायों के चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है या फिर नुकसान उठाना पड़ा है।
भाजपा कार्यसमिति बैठक की मुख्य बातें
- संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच में बंद कमरे में 35 मिनट चर्चा हुई।
- राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुरलीधर राव के बीच एकांत में लगभग आधा घंटा चर्चा हुई।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भाजपा कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया।
- संगठन ने मंत्रियों के कामकाज पर नाराजगी व्यक्त की।
- सबसे ज्यादा शिकायत प्रभारी मंत्रियों की मिली।
- कलेक्टर सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायत हुई।
- बैठक में तय हुआ जल्द ही संगठन की दृष्टि से प्रशासनिक फेरबदल किया जाएगा।