मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संचालित हाई प्रोफाइल बिल्लबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन चेयरमैन नजम जमाल, डायरेक्टर ऑपरेशन फैजल अली, प्रिंसिपल आशीष अग्रवाल और ट्रांसपोर्ट मैनेजर सैय्यद बिलाल के खिलाफ धारा 188, पाक्सो एक्ट-21 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इस स्कूल की बस में 3 साल की मासूम बच्ची के साथ बैड टच का मामला सामने आया था।
एडिशनल डीसीपी श्रुतिकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि भोपाल के महिला थाना में चारों के खिलाफ धारा 188, पाक्सो एक्ट-21 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। 188 का केस बस में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के उल्लंघन पर दर्ज किया गया है। जबकि पाक्सो सेक्शन-21 अपराध को दबाने के आरोप में दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि स्कूल मैनेजमेंट ने सीसीटीवी रिकॉर्ड देने से मना कर दिया था। जब पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन की तो पता चला कि डीवीआर का बॉक्स खाली है। यानी पुलिस चाहे भी तो डाटा रिकवर नहीं कर सकती (यहां पढ़ें)।
इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को तलब करके कहा था कि कितना भी बड़ा स्कूल क्यों ना हो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करें (यहां पढ़ें)। पुलिस को फ्री एंड मिलने के बाद मामले की जांच के लिए SIT गठित कर दी गई थी। दोपहर में SIT की टीम पिछले गेट से स्कूल के भीतर दाखिल हुई। एक के बाद एक 3 गाड़ियों से अधिकारी पहुंचे। SIT की टीम ने स्कूल बस का जीपीएस डाटा जब्त कर लिया है।
पुलिस अब एनालिसिस करेगी कि आरोपी ड्राइवर ने चलती गाड़ी में वारदात को अंजाम दिया या फिर गाड़ी खाड़ी करके। वैसे, पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने चलती गाड़ी में हरकत करना बताया था। इसके साथ ही ड्राइवर व महिला केयर टेकर की भर्ती प्रोसिजर के दस्तावेज भी लिए हैं।
और भी लड़कियों के साथ हुआ है बैड टच
मध्य प्रदेश बाल आयोग ने दावा किया है कि राजधानी में नीलबड़ स्थित बिलाबॉन्ग स्कूल में पढ़ने वाली तीन साल 6 महीने की मासूम बच्ची के साथ बस ड्राइवर ने एक बार नहीं, बल्कि इससे ज्यादा बार ज्यादती की थी। इसके अलावा दो और बच्चियों के भी बस में अलग-अलग दिन कपड़े बदले जा चुके हैं। आयोग ने गुरुवार को स्कूल पहुंचकर प्रबंधन, टीचर, कर्मचारियों और प्रिंसिपल सहित 20 लोगों से 8 घंटे तक पूछताछ की। आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया कि बस में दो अन्य बच्चियों के भी कपड़े बदले गए थे। इसकी जानकारी ड्राइवर, टीचर, आया (दीदी) को भी थी।
स्कूल मालिक को बुलाया है: गृह मंत्री
सीएम ने स्कूल बसों के सभी ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन चेक करने के भी निर्देश दिए। सभी स्कूलों में क्लियर मैसेज जाए कि जरा भी लापरवाही हो तो प्रबंधन जिम्मेदार है। सीएम की समीक्षा बैठक में पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर, एडिशनल सीपी सचिन अतुलकर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- स्कूल मालिक को आज बुलाया गया है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।