मप्र के कर्मचारी, मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना का कब तक इंतजार करें - MP NEWS

जबलपुर
। मध्यप्रदेश शासन के करीबन 10 लाख अधिकारी और कर्मचारी मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना लागू होने का लम्बे समय से इंतजार कर रहे है, कर्मचारी सोच रहा है कब तक और इंतजार करना पड़ेगा. अब धैर्य का बांध टूटने लगा है। सरकारी खर्चे पर इलाज की सुविधा ना होने से कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य कैंसर, लकवा, दमा, हार्ट अटैक, जैसी गंभीर बीमारियों की जांच और इलाज नहीं करा पा रहे है। इलाज के अभाव में कर्मचारियों पर आश्रित बूढ़े मां ,बाप,पत्नी और बच्चे बे- मौत मर रहे है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा प्रदेस अध्यक्ष जितेंद सिंह ने बताया है कि प्रदेश सरकार के अधीन पदस्थ स्थाई, अस्थाई, कार्यभारित स्थापना, नियमित श्रमिक, अध्यापक और अर्ध कुशल कर्मी निजी अस्पतालों के महंगे इलाज नहीं करा पा रहे है, कुछ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इलाज के बिना बेमौत मर रहे है। यह योजना लागू की जाएगी यह निर्णय विगत वर्ष लिऐ जा चुके है। बस आज तक आदेश जारी नहीं किये गए।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, प्रशांत सोंधिया, अजय दुबे, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, मुकेश चतुर्वेदी, संजय गुजराल, राजेन्द्र तेकाम, धीरेन्द्र सिंह, मुकेश मरकाम, प्रशांत सोंधिया, रविकांत दहायत, देव दोनेरिया, एस के बांदिल, प्रदीप पटेल, योगेंद्र मिश्रा, जवाहर केवट, सतीस उपाध्याय, दुर्गेश पांडेय, डी के नेमा, नरेंद्र सेन, मनोज राय ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के इलाज के लिए लंबित मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना को तत्काल लागू करने की मांग की है।
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