मध्य प्रदेश में चुनाव की चर्चा शुरू हो गई है। चुनाव की चर्चा में ज्योतिरादित्य सिंधिया का जिक्र ना हो, असंभव है और यदि सिंधिया का जिक्र होगा तो गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से सांसद केपी यादव की बात भी करनी पड़ेगी। सवाल यह है कि 2019 में केपी यादव क्या करेंगे। किसी ने कान में चुपके से बताया है कि अगला चुनाव सपा के टिकट पर लड़ेंगे।
राजनीति में कहा जाता है कि भारत के यादवों पर समाजवादी पार्टी का कॉपीराइट है। कम से कम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में यादव समाज के नेता जब भी अपनी पार्टी से नाराज होते हैं तो हाईकमान के पास दिल्ली नहीं बल्कि लखनऊ का टिकट कटाते हैं। हाल ही में समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेता अखिलेश यादव मध्यप्रदेश आए थे। श्री यादव हर बार चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में सक्रियता बढ़ा देते हैं। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का कोई विशेष जनाधार नहीं है परंतु बागियों को टिकट देकर हर चुनाव में अपनी मौजूदगी अवश्य दर्ज कराती है।
गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर सांसद केपी यादव ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ कर तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया था। अब सिंधिया भाजपा में आ गए हैं। कहने की जरूरत ही नहीं की 2019 में टिकट होने मिलेगा। कहा जा रहा है कि सिंधिया के कारण केपी यादव को भाजपा में अपना भविष्य दिखाई नहीं दे रहा है। उनके पास दो ही रास्ते हैं। या तो यू टर्न मार कर कांग्रेस में घर वापसी करें या फिर लखनऊ के नेटवर्क से कनेक्ट हो जाए।