कुछ होटल, बीयर बार या शराब की दुकान में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नाबालिग लड़कियां अथवा कम वेतन में काम करवाने के लिए नाबालिग लड़कों को नियुक्त कर दिया जाता है। शायद उन्हें पता नहीं होता कि ऐसा करना ना केवल श्रम कानूनों का उल्लंघन होता है बल्कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत नशीले पदार्थों की खरीद अथवा बिक्री में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नियुक्त करना गंभीर अपराध है।
किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 78 की परिभाषा
जो कोई व्यक्ति किसी किशोर बालक से किसी भी प्रकार की मादक मदिरा, नशीली दवाइया, मन:प्रभावी पदार्थ के विक्रय, फुटकर में क्रय विक्रय, होटल या शॉप पर साथ रखेगा या तस्करी कराएगा तब ऐसे नियोजक व्यक्ति को अधिकतम सात वर्ष कारावास और एक लाख रुपए तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
विशेष नोट:- यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भले ही बच्चों को शराब परोसने या ग्राहकों के साथ सीधा व्यवहार करने के लिए नियुक्त ना किया जाए फिर भी शराब अथवा नशीले पदार्थों के व्यवसायिक संस्थान में उनकी नियुक्ति मात्र ही अपराध घोषित किया गया है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665