जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य कर रहे 30 हजार कर्मचारियों ने कोरोना कि तीनों लहर में जान की परवाह किए बिना अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन करते हुए मरीजों की जान बचाई।
अधिकारियों ने जहां ड्यूटी लगाई वहां कार्य कर अपने दायित्वों का कुशलता पूर्वक निर्वहन किया परंतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा जून 2013 में संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने हेतु विभागीय सचिवों की अध्यक्षता में बैठक आहूत की थी। इसके बाद 5 जून 2018 मे भी नीति बनी जिसमे कहा गया कि जब तक संविदा कर्मियों को नियमित नही कर दिया जाता तब तक समान पद पर नियमित कर्मचारियों के वेतन का 90% वेतनमान संविदा कर्मचारियों को दिया जावेगा, लेकिन 4 वर्ष का समय निकल जाने के पश्चात भी इसका क्रियान्वयन ना हो पाने से प्रदेश के हजारों संविदा कर्मचारियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेंद्र दुबे अवेंद्र राजपूत अवधेश तिवारी अटल उपाध्याय आलोक अग्निहोत्री ब्रजेश मिश्रा दुर्गेश पांडेय वीरेंद्र तिवारी घनश्याम पटेल मनोज सिंह वीरेंद्र चंदेल एसपी बाथरे तुषरेंद्र सिंह नीरज कौरव निशांक तिवारी मनोज सिंह शेर सिंह रामकृष्ण तिवारी संतोष तिवारी विनय नामदेव मो.तारीक महेश कोरी प्रियांशु शुक्ला श्याम नारायण तिवारी मनीष शुक्ला मनीष लोहिया ने माननीय मुख्यमंत्री जी को ईमेल कर मांग की है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों से किया गया वादा को निभाते हुए संविदा कर्मचारियों के लिए बनाई गई नीति का क्रियान्वयन शीघ्र किया जाए जिससे कोरोना योद्धाओ का मनोबल बढ़ सके।