इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में एक बेटी के मजबूर पिता ने सुसाइड कर लिया। युवक पहले देवास की एक निजी कंपनी में नौकरी करता था, लेकिन लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई। इसके बाद वह परिवार चलाने के लिए मजदूरी करने लगा। कम कमाई होने की वजह से वो बच्ची की स्कूल फीस नहीं भर सका। इसी वजह से पिछले कुछ समय से तनाव में था। बेटी इंदौर के स्कीम नंबर 78 में एक निजी स्कूल में पढ़ती थी, उसकी लगभग 40 हजार रुपए फीस बकाया थी।
पुलिस ने बताया कि अमित पाल की बुधवार सुबह संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में जहर खाने के बाद मौत होने की बात सामने आई है। भाई संदीप के मुताबिक अमित कई दिनों से तनाव में चल रहा था। उसकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी तीसरी कक्षा में पढ़ रही है, जबकि छोटी बेटी चार साल की है। बड़ी बेटी की स्कूल फीस बाकी थी। जिसे लेकर लगातार स्कूल से कॉल आ रहे थे। इसी से वह परेशान था।
अमित की शादी करीब 8 साल पहले हुई थी। वह पहले एक निजी कंपनी में कर्मचारी थी। लॉकडाउन में उसकी नौकरी चली गई थी। कुछ कर्ज भी हो गया था। इसके बाद वह परेशानी में सियागंज जाकर हम्माली का काम करने लगा। इस काम के मेहनताने से परिवार का खर्च नही निकल पा रहा था। बच्ची की एक साल की फीस पहले ही बाकी चल रही थी। इधर तीसरी कक्षा में जाने के बाद उसकी नई फीस को लेकर भी स्कूल वाले दबाव बना रहे थे। मंगलवार को उसने पत्नी किरण को भी फोन कर यह बात बताई थी। उसके बाद अमित ने यह कदम उठा लिया।जहर खाने के बाद युवक लड़खड़ाते हुए अपने भाई के घर पहुंचा और दरवाजे पर ही गिर पड़ा। जिसका बाद छोटा भाई उसे एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक की पत्नी पिछले तीन महीने से दोनों बेटियों के साथ मायके में थी। पुलिस को मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
बताया जा रहा है कि अमित ने जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई थी, हालांकि कुछ फायदा नहीं हुआ। वहीं उसकी पत्नी किरण तीन माह से मायके में ही थी। दोनों बच्चियां भी उसके साथ थी। पुलिस के मुताबिक अनिल के पास से कोई सुसाइड नोट नही मिला है। फिलहाल मामले में जांच चल रही है।