महिला प्रोफेसर हत्यारन निकली, DOCTOR पति को जहर खिलाया, करंट लगा कर मार दिया

छतरपुर
। प्रोफ़ेसर ममता पाठक के खिलाफ उनके पति डॉक्टर नीरज पाठक की हत्या का अपराध सिद्ध हो गया है। कोर्ट ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई है। बुधवार को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार देवलिया ने इस हत्याकांड में फैसला सुनाया। न्यायालय में स्पष्ट हुआ कि महिला प्रोफेसर ने पहले अपने पति को जहर खिलाया और फिर करंट लगा कर मार दिया।

पति की हत्या करके पत्नी ने पुलिस को बुलाया था, यह कहानी सुनाई थी

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिवाकांत त्रिपाठी ने बताया कि 1 मई 2021 को ममता पाठक ने थाना सिविल लाइन को सूचना दी थी। उन्होंने बताया था कि पति डॉ. नीरज पाठक 29 अप्रैल 2021 को ऊपर वाले कमरे में लेटे थे। रात करीब 9 बजे वह उन्हें खाना खाने के लिए कमरे में बुलाने पहुंची। पति पलंग पर लेटे थे, लेकिन उनकी बातों पर कोई रिप्लाई नहीं कर रहे थे। मैंने पास जाकर देखा तो वे मृत पड़े थे। उन्हें 7-8 दिन से बुखार आ रहा था। मुझे और मेरे बेटे को भी बुखार आ रहा था, इस कारण मैं 30 अप्रैल 2021 को सुबह बेटे नितीश के साथ इलाज कराने झांसी चली गई थी, रात को लौटी और फिर पुलिस को सूचना दी। पोस्टमार्टम में डॉक्टर की मौत करंट लगने से होना पाया गया। जांच में पता चला कि पत्नी डॉक्टर को प्रताड़ित किया करती थी। पत्नी से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने करंट लगाकर मारने की बात कबूल ली। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

पति के खाने में जहर खिलाया फिर करंट लगा कर मार डाला

आरोपी प्रोफेसर ममता पाठक ने पूछताछ में बताया था कि मैंने पति को खाने में नशीली दवा मिलाकर खिला दी। खाना खाने के बाद वह गहरी नींद में सो गए। इसके बाद एक्सटेंशन बोर्ड ले जाकर करंट लगाकर हत्या कर दी। मौत होने के बाद पति का शव दो दिन तक बेडरूम में ही रखा। 

हत्या के बाद 2 दिन तक शव को घर में ही रखा

मैंने एक वीडियो देखा था, जिसमें बताया गया था कि खाने में जहर देने के बाद यदि दो दिनों तक शव को रखा रहने दिया जाए तो पोस्टमार्टम में जहर से मौत की बात नहीं आती है, इसलिए 29 अप्रैल को पति की हत्या कर शव को घर में रखा, ताकि नींद की गोलियां खिलाने के साक्ष्य नहीं मिल पाएं।

डॉक्टर पति नींद का इंजेक्शन देकर सुला देता था

छतरपुर सिविल लाइन थाना प्रभारी जगतपाल सिंह ने बताया कि डॉक्टर नीरज पाठक और उनकी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक में पिछले 20 साल से विवाद चल रहा था। प्रोफेसर पत्नी को शक था कि उनके डॉक्टर पति के किसी अन्य महिला से संबंध हैं। इसलिए वे रात के समय उसे नींद का इंजेक्शन देकर सुला देते थे, जबकि डॉक्टर का तर्क था कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब रहने से उसे नींद नहीं आती, इसलिए इंजेक्शन देकर सुला देता हूं। 

हत्या से पहले पत्नी ने एसपी से लेकर डीजीपी तक शिकायत की थी

इसी विवाद के चलते बीते कई सालों में ममता पाठक ने संबंधित थाना, छतरपुर एसपी, सागर आईजी, भोपाल में डीजीपी तक से शिकायत करते हुए डॉ. नीरज पाठक पर अन्य महिला से संबंध रखने का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की शिकायत की, लेकिन जांच के दौरान मामला बेबुनियाद पाया गया था।

हत्या के 1 दिन पहले डॉक्टर पुलिस से मदद मांगने गए थे

जिला अस्पताल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ डॉ. नीरज पाठक अपनी प्रोफेसर पत्नी से विवाद के कारण परेशान रहते थे। दो साल पहले उन्होंने वीआरएस ले लिया था। इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल आना बंद कर दिया था, पर घर पर मरीजों का इलाज करते थे। डॉ. पाठक 28 अप्रैल को शिकायत करने थाने गए थे, उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे पर मोबाइल छीनने का आरोप लगाया था।

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