हर एक नंबर कितना इंपॉर्टेंट होता है, UPSC टॉपर श्रुति शर्मा से समझो- Inspirational for students

ज्यादातर स्टूडेंट्स रिजल्ट के मामले में जब अनुमान लगाते हैं तो 10 से लेकर 50 नंबर तक का अंतर सामान्य (ऊपर-नीचे) मान कर चलते हैं, लेकिन परीक्षा में हर एक नंबर जरूरी होता है। कितना जरूरी होता है यह जानना हो तो श्रुति शर्मा की कहानी पढ़ो, जो UPSC-2021 की चयन सूची में नंबर वन पर है। 

श्रुति शर्मा पिछली बार सिर्फ एक नंबर से चूक गई थी

श्रुति शर्मा ने किस कॉलेज और यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। किस कोचिंग में अच्छा गाइडेंस मिला। यह इंपोर्टेंट है लेकिन मोस्ट इंपोर्टेंट नहीं है। क्योंकि यदि मोस्ट इंपोर्टेंट होता तो उसके बैच के सभी लोग चयन सूची में होते। मोस्ट इंपोर्टेंट बात यह है कि श्रुति शर्मा ने एक नंबर की वैल्यू को समझा और नंबर वन पर पहुंच गई। 

हर रोज एक-एक एक्स्ट्रा नंबर जमा करते-करते...

UPSC फर्स्ट अटेम्प्ट में श्रुति शर्मा सिर्फ एक नंबर से चूक गई थी। यदि एक नंबर आ जाता है तो श्रुति शर्मा की आधी ट्रेनिंग हो चुकी होती। एक नंबर की कमी ने श्रुति शर्मा को पहले से ज्यादा अच्छी स्ट्रेटजी के लिए फोर्स किया। इस बार उसे समझ में आ गया था कि एक नंबर भी नहीं छोड़ना है। हर रोज एक-एक एक्स्ट्रा नंबर जमा करते-करते श्रुति, शिखर तक पहुंच गई।
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