सार्वजनिक सड़क पर बाइक रेस, जेल का प्रावधान, पढ़िए MV Act,1988

Bhopal Samachar
यंगस्टर बहुत बड़ी संख्या में एक काम जरूर करते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए बनाई गई सड़क पर बाइक रेसिंग करते हैं या फिर बाइक से स्टंट बाजी करते हैं। अक्सर सूनी सड़क पर रेस लगाते हैं, लेकिन कई बार ट्रैफिक के दौरान भी लगाते हैं, क्योंकि वह बॉलीवुड की फिल्मों से प्रभावित होते हैं लेकिन नहीं जानते कि कानून कुछ और कहता है। केवल ट्रैफिक चालान नहीं बनता बल्कि जेल भेजने का प्रावधान है।

मोटर यान अधिनियम,1988 की धारा 189 की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर वाहन की दौड़ या तेज गति का मुकाबला करेगा या करवाएगा अथवा स्पीड का कंपटीशन करते हुए किसी वाहन से आगे निकलेगा तो ऐसे व्यक्ति को 3 माह कारावास या पाँच हजार रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा। 

लेकिन अगर यही अपराध वह दोबारा करता है तब उसे एक वर्ष की कारावास या दस हजार रुपये जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

विशेष नोट:- वाहनों की रेस आयोजित करने के लिए स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकार से लिखित अनुमति लेनी होती है। यदि कोई सार्वजनिक सड़क है तो प्रतियोगिता के दौरान उसे आम नागरिकों के आवागमन के लिए बंद किया जाता है। अनुमति के साथ बाइक रेस या कार रेस का आयोजन करना अपराध नहीं है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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