जबलपुर। मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान हाईकोर्ट ने बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की ग्रीष्म अवकाशकालीन एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को फिजिकल टेस्ट में दोबारा शामिल करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही MPPEB के चेयरमैन और DGP को नोटिस जारी करके पूछा है कि जब मौसम अनुकूल नहीं था तो जबलपुर में फिजिकल टेस्ट क्यों कराया।
मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती- हाई कोर्ट में याचिका
याचिकाकर्ता रीवा निवासी शैलेष कुमार तिवारी की ओर से अधिवक्ता नरिंदर पाल सिंह रूपराह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नौ मई को सागर में फिजिकल टेस्ट के लिए पहुंचा। बिना शेड के कड़ी धूप में साढ़े पांच घंटे इंतजार करने के बाद उसका नंबर आया। उसने 800 मीटर की दौड़ दो मिनट 51 सेकेंड में पूरी की, जबकि निर्धारित समय 2 मिनट 45 सेकेंड था। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि वह उक्त दूरी केवल 2 मिनट 38 सेकेंड में पूरी कर लेता है, लेकिन प्रतिकूल मौसम में लंबे इंतजार के कारण उसका प्रदर्शन बिगड़ गया।
यह दलील भी दी गई कि सागर में ही अगले दिन एक प्रतिभागी की मौत हो गई थी, जबकि जबलपुर में 12 मई को हुए टेस्ट में भी एक उम्मीदवार की मौत हो गई थी। कोर्ट को बताया गया कि PEB ने 13 मई को होने वाला फिजिकल टेस्ट 6 जून के लिए स्थगित कर दी है, इसलिए याचिकाकर्ता को उसमें शामिल होने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए टेस्ट के रिजल्ट को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया। जवाब आने के बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा।