भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य चुनाव आयोग के सख्त तेवरों के बाद कलेक्टरों ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नगरीय निकाय के चुनावी दावेदारों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री कोई ना कोई जुगाड़ करके चुनाव टाल देंगे परंतु कलेक्ट्रेट में हलचल होते ही टिकट के लिए दौड़ दौड़ शुरू हो गई। भोपाल में दावेदारों की भीड़ लगने लगी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण को शून्य घोषित करके चुनाव कराने के आदेश जारी कर दिए। मुख्यमंत्री ने पुनर्विचार याचिका की घोषणा की। विदेश यात्रा स्थगित की और दिल्ली दौड़ लगा दी परंतु वहां से कोई आश्वासन नहीं मिला। लौटकर चुनावी तैयारियों में जुट गए।
इधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने न केवल अधिकारियों की मीटिंग बुलाई बल्कि चुनावी प्रक्रिया में टांगने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने भी हाथ जोड़कर निर्देशों का पालन करने का वचन दिया। कुल मिलाकर राज्य में चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है।
पहले नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के चुनाव होंगे और उसके बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे। दोनों चुनाव के बीच में अधिकतम 15 दिन का फैसला होगा। दोनों पार्टियों ने ओबीसी को टिकट में 27% आरक्षण का वादा किया है, लेकिन यह घोषित नहीं किया है कि जो वार्ड और सीट OBC के लिए आरक्षित थे, टिकट वितरण में वही आरक्षण लागू किया जाएगा। इसके कारण गुंजाइश बन गई है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.