भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कमला नगर थाने में एक युवक की संदिग्ध मृत्यु के मामले में थाना प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया। यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि कमला नगर कमला नगर थाने में कोई संतरी ही नहीं है जबकि संतरी के बिना कोई भी थाना संचालित नहीं होता।
कमला नगर थाना पुलिस द्वारा 28 साल के गोलू उर्फ छोटू सारथी को हिरासत में लिया गया था। जिसकी मृत्यु हो गई। पुलिस का कहना है कि हवालात में छोटू ने दिनांक 14 मई 2022 को सुबह 5:30 बजे कंबल फाड़ कर उसका फंदा बनाया और फांसी पर झूल गया। इस प्रकार पुलिस ने दावा किया है कि गोलू ने पुलिस थाने की हवालात में आत्महत्या कर ली है।
भोपाल समाचार ने उठाया था सवाल
पुलिस की कहानी अविश्वसनीय है क्योंकि थानों में हवालात कुछ इस प्रकार के बनाए जाते हैं कि उसके अंदर कैदियों पर 27X7 नजर रखी जाए। एक पुलिस कर्मचारी सिर्फ नजर रखने के लिए तैनात किया जाता है। कंबल को फाड़ना, उसका फंदा बनाना, फंदे को बांधना और फिर आत्महत्या करना। यह सब कुछ पलक झपकते नहीं हो सकता।
जवाब मिला- नजर रखने वाला संतरी पदस्थ ही नहीं है
बताया गया कि कमला नगर थाने में संतरी ही नहीं है। यानी कि हवालात में बंद कैदियों और थाने में चलने वाली तमाम गतिविधियों पर नजर रखने वाला कोई है ही नहीं।
पुलिस थाने में संतरी कौन होता है
मध्य प्रदेश की पुलिस व्यवस्था के अनुसार संतरी पुलिस थाने का एकमात्र ऐसा व्यक्ति होता है जो थाने के अंदर चलने वाली गतिविधियों पर नजर रखता है और सीधे थाना प्रभारी को रिपोर्ट करता है। संतरी ही हवालात में बंद कैदियों पर भी नजर रखता है और थाने में मौजूद हथियारों एवं आवश्यक दस्तावेजों की निगरानी भी करता है। मूल रूप से यह एक आरक्षक होता है परंतु संतरी की ड्यूटी के लिए ऐसे आरक्षक का चुनाव किया जाता है जो अपनी टीम में सबसे ज्यादा समझदार हो। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।