देर से मिला न्याय, अन्याय से कम नहीं, यह सीख मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा भावी अफसरों के चयन में पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बनाकर नीति शास्त्र के रूप में पढ़ाया जा रहा है।
विडंबना यह है कि स्वयं आयोग द्वारा MPPSC-2019 साक्षात्कार में चयनित अभ्यार्थियों के साथ, बार-बार साक्षात्कार को टाल कर अन्याय की पराकाष्ठा पर पहुंचा दिया है। बीते 4 वर्षों से राज्य सेवा परीक्षा 2019 की प्रक्रिया अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है। कोरोना के लॉकडाउन के मध्य, अपनी जान की परवाह किए बिना 21 से 26 मार्च 2020 के मध्य तपती दोपहर मे CORONA KIT पहनकर परीक्षा देकर 1918 अभ्यार्थी साक्षात्कार में चयनित हुए हैं।
संवैधानिक संस्था द्वारा संविधान की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए तत्काल साक्षात्कार आयोजित कर अंतिम परिणाम घोषित करना चाहिए परंतु भावी अफसर साक्षात्कार हेतु उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय एवं ज्ञाप के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त करने को मजबूर हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग तथा राज्य सरकार द्वारा तत्काल साक्षात्कार आयोजित करवा कर राज्य सेवा परीक्षा 2019 का अंतिम परिणाम घोषित करना चाहिए, जिससे प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे छात्रों में आयोग एवं सरकार के प्रति विश्वास बना रहे। yajat pyasi (yajatpyasi2203@gmail.com)
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