Information and technology act 2000 section 73
आधार कार्ड से लेकर बैंक अकाउंट तक और अब तो फसल बेचने के लिए किसानों की भी e-KYC होने लगी है। e-KYC का काम किसी अधिकृत व्यक्ति द्वारा किया जाता है परंतु अक्सर वह सरकारी कर्मचारी नहीं होता। कभी-कभी कुछ लोग e-KYC में गड़बड़ी कर देते हैं। आइए जानते हैं कि इन लोगों के खिलाफ कहां शिकायत की जा सकती है। किस कानून की किस धारा के तहत FIR दर्ज करवाई जा सकती है।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 73 की परिभाषा:-
1. कोई भी व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाण पत्र को जारी नहीं करेगा तब तक:-
• कोई प्रमाण पत्र को किसी प्रमाणकर्ता ने जारी नहीं किया हो।
• प्रमाण पत्र में सूचीबद्ध हस्ताक्षरकर्ता ने उसे स्वीकार नही किया है।
• जब तक प्रमाण पत्र को जारी नहीं करेगा तब तक उसे किसी अधिकारी द्वारा स्वीकार या निलंबित नहीं कर दिया गया हो।
अर्थात सामान्य शब्दों में बताए तो कोई भी आधार एजेंसी देने वाला अधिकारी या आधार कार्ड बनाने वाला व्यक्ति बिना प्रमाण पत्र की सत्यापन के कोई भी इलेक्ट्रॉनिक चिह्नक प्रमाण पत्र जारी या ई-केवाईसी नहीं करेगा।
2. अगर कोई व्यक्ति उपर्युक्त धारा 73 की उपधारा (1) का उल्लंघन करेगा तब वह धारा 73 (2) के अंतर्गत दोषी होगा।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम,2000 की धारा 73 के उल्लंघन पर दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध न्यायालय द्वारा समझौता योग्य हैं एवं यह असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध हैं, किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा इस अपराध की सुनवाई की जा सकती है।
अधिनियम के अनुसार अपराध का इन्वेस्टिगेशन करने की शक्ति निरीक्षक (इंस्पेक्टर) की नीचे की पक्ति के पुलिस अधिकारी को नहीं हैं। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना जो एक लाख रुपए तक या दोनो से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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