ग्वालियर। स्वास्थ्य विभाग में भर्ती घोटाला की जांच 2016 से लगातार जारी है। इस मामले में अब तक 13 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी है। जांच के दायरे में आए 119 उम्मीदवारों में से 36 के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। इन्वेस्टिगेशन अभी भी जारी है।
स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नियुक्तियों का खुलासा वर्ष 2016 में हुआ था। गोपनीय शिकायत पर यह जांच पिछले 6 साल से चल रही है। अब तक कार्रवाई में केवल 13 लोगों को बर्खास्त किया गया है। लोकायुक्त पुलिस ने जांच के उपरांत 
- ग्वालियर जिले के महेंद्र सिसौदिया, विजय सिंह सिकरवार, सहित
 - महेश कुशवाह नरसिंहपुर,
 - कामता प्रसाद वर्मा झाबुआ,
 - संतोश श्रीवास्तव छतरपुर,
 - भानू प्रताप सिंह गुना,
 - सुखलाल लौधी गंजबसौदा,
 - हरिओम बाथम सतना,
 - अखिलेश त्रिपाठी सतना,
 - मोहन सिंह यादव कटनी,
 - मनोज कुमार उपाध्याय गुना,
 - अनमोल श्रीवास्तव अशोक नगर,
 - अवधेश कुमार शर्मा मंदसौर,
 - राधाकृष्ण पाल मंदसौर,
 - हरिओम शाक्य सागर,
 - अमर सिंह राजावत भिंड,
 - राजेश दांगी डिंडोरी,
 - जगदंबा प्रसाद शर्मा रतलाम,
 - कमलेश सोनी मंदसौर,
 - मुकेश बाथम उज्जैन,
 - राकेश शर्मा खरगोन,
 - शशिकांत भारद्वाज रतलाम,
 - संजय जायसवाल खरगौन,
 - जयसिंह कुशवाह बुहरानपुर,
 - विनोद कुमार गुप्ता पन्ना,
 - अमर सिंह डिंडोरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
 
प्रारंभिक जांच में दतिया जिले के मुरारी लाल पांडे व रविकांत सेन को विभाग में संलिप्ता का दोषी माना है। प्रकरण दर्ज करने के बाद लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी है। विवेचकों का मानना हैं कि इस एफआइआर में अभी और नाम जुड़ सकते हैं। क्योंकि संदिग्धों की सूची में 119 नाम है। एक-एक संदेही की भूमिका की जांच की जा रही है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.
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