भोपाल। मध्य प्रदेश में पेंशनरों ने शासन के मुख्य सचिव को कानूनी नोटिस भेजा है उन्होंने पूछा है कि उन्हें शासकीय सेवकों से 14 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता का भुगतान क्यों किया जा रहा है। शासकीय सेवकों की तरह 31 प्रतिशत महंगाई राहत उन्हें कब से दिया जाएगा।
पेंशनरों ने यही सवाल वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव से भी पूछा है। यह नोटिस आल इंडिया लायर्स यूनियन की ओर से भेजा गया है। यह पत्र यूनियन के रवींद्र सरवटे व सुरेश कुशवाहा की ओर से लिखा गया है। वर्तमान में पेंशनर को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता का लाभ दिया जा रहा है, जबकि शासकीय सेवकों को 31 प्रतिशत का लाभ मिलता है। पूर्व में इन पेंशनरों को वेतनमानों का लाभ भी देरी से दिया गया था, जिसका एरियर्स भी नहीं दिया गया है। पेंशनरों का दावा है कि करीब 32 माह के एरियर की राशि सरकार से लेनी है।
गणेश दत्त जोशी का कहना है कि बढ़ती महंगाई के दौर में पेंशनरों को शासकीय सेवकों के समान कम से कम 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता का लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाते रहे हैं। पत्र लिखकर मांग कर चुके हैं। कोई सुनवाई नही हुई तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संज्ञान में भी यह बात लाई थी। मप्र भाजपा के अध्यक्ष को भी पत्र लिख चुके हैं। मुख्यमंत्री के नाम भी अलग-अलग पत्र भेज चुके हैं। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचारों के लिए कृपया karmchari news पर क्लिक करें