ग्वालियर। उत्तर प्रदेश में शर्मनाक शिकस्त के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मध्यप्रदेश पर फोकस कर लिया है। उन्होंने बीएसपी संगठन के ताने-बाने में बड़ा बदलाव करके स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार मध्य प्रदेश को काफी गंभीरता से ले रही हैं।
मायावती ने बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश को चार जोन (भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर) में विभाजित कर दिया है। 26 जिलों के प्रभारी एवं छह जनों के जिलाध्यक्ष बदल दिए गए हैं। जिला एवं ब्लाक स्तर पर गतिविधियां बढ़ाई जा रही है। भाजपा और कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की लिस्ट मांगी गई है। कहा जा रहा है कि बीएसबी इस बार बागियों के लखनऊ आने का इंतजार नहीं करेगी बल्कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में बैठे पदाधिकारी डायरेक्ट मायावती को रिपोर्ट करेंगे और टिकट के बारे में डिसीजन करेंगे।
मध्यप्रदेश में सन 1993 और 1998 में बसपा को 11-11 सीटें मिली थी। ग्वालियर चंबल संभाग और विंध्य क्षेत्र बसपा का गढ़ माना जाता है। सन 1993 से लेकर 2018 तक के चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की हार का प्रमुख कारण रही है।
मायावती इस बार मध्यप्रदेश में सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के माध्यम से सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति बना रहीं हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ अक्सर कहते रहते हैं कि मायावती के साथ उनके काफी अच्छे संबंध है। अब देखना यह है कि मायावती मध्यप्रदेश में अपनी पार्टी को मजबूत करती हैं या कमलनाथ के साथ अपने राजनीतिक रिश्तो को। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.