भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र की गलती एक शिक्षक की मौत का कारण बन गई। राजधानी भोपाल में ऐसे स्कूल को मूल्यांकन केंद्र बना दिया जहां पर ना तो पंखा है ना ही पानी। पेयजल नहीं मिला और गर्मी के कारण बॉडी डीहाइड्रेट हो गई। अधिकारियों के दबाव में शिक्षक अपने जीवन के अंत तक काम करता रहा।
मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र का गलत फैसला, शिक्षक की मौत का कारण
जिस राज्य में अत्याधुनिक सीएम राइज स्कूल बन रहे हैं। उसी राज्य की राजधानी में एक हायर सेकेंडरी स्कूल ऐसा है जहां पर ना तो बिजली है और ना ही पेयजल। गर्मी के मौसम में इस स्कूल में ड्यूटी करना किसी सजा से कम नहीं है। राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों ने सब कुछ जानते हुए, इस स्कूल को मूल्यांकन केंद्र घोषित कर दिया। यहां कक्षा 5 और 8 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।
मूल्यांकन केंद्र पर फर्स्ट एड मेडिकल किट भी नहीं थी
शिक्षक का नाम मुजफ्फर बताया गया है। वह मूल रूप से प्राथमिक शाला बबचया संकुल ललरिया में पदस्थ हैं। मुजफ्फर की ड्यूटी बैरसिया मूल्यांकन केंद्र पर लगाई गई। सोमवार को मुजफ्फर बैरसिया वाले स्कूल में ड्यूटी पर थे तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। प्राचार्य विनोद कुमार राजौरिया ने उन्हें छुट्टी दे दी। ऑटो रिक्शा बुलाकर घर भेजा गया। तभी रास्ते में बेहोश हो गए, ऑटो वाला उन्हें वापस स्कूल में ले आया। साथी शिक्षक उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।