नई दिल्ली। संतानों के बीच संपत्ति विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार दिनांक 17 मार्च 2022 को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जो बेटी अपने पिता से कोई रिश्ता नहीं रखती। उसे पिता की संपत्ति में किसी भी प्रकार का अधिकार नहीं है। याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश ने डिसीजन सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बुजुर्ग दंपति के तलाक का मामला प्रस्तुत हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने तलाक को स्वीकृति देते हुए पति को आदेश दिया कि वह अपनी पत्नी को फुल एंड फाइनल सेटेलमेंट के तौर पर 1000000 रुपए का भुगतान करें। 20 साल की लड़की, जो अपनी मां के साथ रहती है की शिक्षा और शादी के खर्चे के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रस्तुत प्रकरण में दोनों पक्षों की दलीलों के बाद यह स्पष्ट होता है कि पुत्री, अपने पिता से कोई संबंध रखना नहीं चाहती। वह अपने फैसले खुद करना चाहती है, अतः अपने पिता से शिक्षा एवं शादी के लिए खर्चे का अधिकार नहीं रखती।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि लड़की जन्म के साथ ही अपने मां के साथ रह रही है और पिता के साथ किसी भी प्रकार का संबंध रखना नहीं चाहती। क्योंकि उसकी उम्र 20 वर्ष है इसलिए वह अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है परंतु पिता की आय एवं संपत्ति पर उसका कोई अधिकार नहीं है। यदि पिता चाहे तो अपनी बेटी के लिए किसी भी प्रकार का योगदान करने के लिए स्वतंत्र है। भारत की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया INDIA NATIONAL NEWS पर क्लिक करें.