उज्जैन। वर्ष 2005 से 2010 तक जिला पंचायत अध्यक्ष का पीए रह चुके शिक्षा विभाग के क्लर्क धर्मेंद्र चौहान के यहां EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) द्वारा छापामार कार्रवाई की गई। यह कार्यवाही आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की पुष्टि के लिए की गई। EOW को शिकायत मिली है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के सचिव के पद पर प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए धर्मेंद्र चौहान ने अपनी निर्धारित शासकीय से बहुत अधिक संपत्ति अर्जित की थी।
उज्जैन महाराज वाड़ा स्कूल के लिपिक धर्मेंद्र चौहान के यहां EOW की कार्रवाई
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार सुबह शासकीय महाराजवाड़ा स्कूल क्रमांक 2 के लिपिक धर्मेंद्र चौहान के अवंतिपुरा स्थित घर पर आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर कार्रवाई की। टीम को धर्मेंद्र चौहान के यहां से साढ़े 83 बीघा जमीन के दस्तावेज मिले हैं। दो मकान, एक गोदाम, दो चार पहिया वाहन, दो ट्रैक्टर तथा 34 हजार रुपये व जेवरात मिले हैं। लिपिक के एक बैंक लाकर के संबंध में भी जानकारी मिली है।
धर्मेंद्र चौहान को ₹750 महीना तनख्वाह में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी
SP EOW दिलीप सोनी ने बताया कि धर्मेंद्र चौहान वर्ष 1994 में अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से नौकरी पर लगा था। नियुक्ति के दौरान उसकी तनख्वाह 750 रुपये प्रतिमाह थी। वर्तमान में वह 35 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन ले रहा है। उसके पास पैतृक जमीन के अलावा नौकरी में आने के बाद खरीदी गई जमीन व संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है। फिलहाल जांच की जा रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष का था पीए
EOW SP दिलीप सोनी ने बताया कि हमारे पास जो शिकायत मिली है उसके अनुसार सन 2005 से लेकर सन 2010 तक धर्मेंद्र चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष के सचिव के पद पर प्रतिनियुक्ति पर थे। इस दौरान उन्होंने काफी संपत्ति अर्जित की हैं। टीम ने चौहान के पैतृक गांव धुरेरी बड़नगर में भी छापा मारा था। वहां पुलिस को चौहान के नौकर कैलाश के नाम पर भी साढ़े छह बीघा जमीन खरीदी किए जाने के कागजात मिले हैं।
चौहान व उसके स्वजन के नाम पर साढ़े 83 बीघा जमीन के दस्तावेज मिले हैं। नौकर तथा स्वजन के नाम पर दर्ज जमीन की गाइड लाइन के अनुसार कीमत करीब 1.57 करोड़ रुपये है। खेत पर डीपी, पाइप लाइन, मोटर व अन्य सामान भी मिला है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.