भारत में हर रोज कुछ ना कुछ इन्नोवेट होता रहता है। हर सीजन से पहले लोगों की सबसे बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व करने वाले गैजेट्स बाजार में दिखाई देने लगते हैं। गर्मी शुरू हो गई है। मच्छर मारने वाले लैंप का प्रचार किया जा रहा है। यह लैंप ₹273 से लेकर 999 रुपए तक बेचा जा रहा है। कीमत के हिसाब से देखें तो डील अच्छी है लेकिन खरीदने से पहले प्रोडक्ट की टेक्नोलॉजी और मच्छर की प्रकृति को जानना जरूरी है। धोखा ₹2 का हो या ₹200000 का, फील एक जैसा आता है।
भोपाल समाचार डॉट कॉम के पाठक ठगी का शिकार क्यों नहीं होते
इस डिवाइस को कई नामों से पुकारा जा रहा है। पीआर कंपनी द्वारा विभिन्न समाचार एवं संचार माध्यमों से प्रचार किया जा रहा है कि यह डिवाइस किसी भी कमरे में मच्छरों का 100% सफाया कर सकती है। कई प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स वेबसाइट पर यह डिवाइस उपलब्ध है और लोग धड़ाधड़ आर्डर भी कर रहे हैं, लेकिन भोपाल समाचार डॉट कॉम के नियमित पाठक कभी जल्दबाजी में फैसले नहीं लेते क्योंकि भोपाल समाचार डॉट कॉम अपने पाठकों को हमेशा तर्क और तथ्य के परीक्षण की प्रक्रिया के बारे में बताता रहता है।
मच्छर मारने वाली डिवाइस की टेक्नोलॉजी क्या है
इस डिवाइस को बनाने वाली कंपनी और बेचने वाली वेबसाइट ने कहीं पर भी वह दावा नहीं किया जो समाचारों में किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी की बात करें तो इस डिवाइस में एलईडी लाइट लगी है और अंदर मच्छर को मारने के लिए एक मशीन। दावा किया जा रहा है कि इस लाइट से मोहित होकर मच्छर इसकी तरफ खींचा चलाएगा और मर जाएगा।
क्या मच्छर अंधेरे से रोशनी की तरफ भागता है
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मच्छर अंधेरे से रोशनी की तरफ भागता है। मच्छर और पतंगा में अंतर होता है। मच्छर को अंधेरे में कोई प्रॉब्लम नहीं है। वह इंसानों के पसीने से निकलने वाली बदबू और कार्बन डाइऑक्साइड की तरफ आकर्षित होता है। यही कारण है कि मच्छर अंधेरे में भी इंसानों को ढूंढ लेता है। इस हिसाब से मच्छर मारने वाली एलईडी डिवाइस किसी काम की नहीं है। इससे तो ऑल आउट जैसी मच्छर भगाने वाली डिवाइस बढ़िया क्योंकि उसमें केमिकल होता है जो कार्बन डाइऑक्साइड की दुर्गंध को खत्म कर देता है और मच्छर कंफ्यूज हो जाता है। भारत की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया INDIA NATIONAL NEWS पर क्लिक करें.