भोपाल। मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन के लिए शासकीय कर्मचारियों के प्रदर्शन लगातार जारी है। राजधानी भोपाल में लघु वेतन कर्मचारी संघ के बैनर तले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने कलेक्टर ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
MP karmchari news- why demand old pension scheme
मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सबसे ज्यादा नुकसान को पुरानी पेंशन प्रणाली बंद होने के कारण उठाना पड़ रहा है। पहले इसके नुकसान समझ में नहीं आए थे। तब नई पेंशन योजना लागू ही हुई थी। 2005 में लागू हुई इस योजना के बाद से शासकीय सेवा में आने वाले अब कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस अवधि के बाद भर्ती हुए और अब सेवानिवृत्त हो रहे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सिर्फ एक बार राशि मिल रही है। इसके अतिरिक्त नई पेंशन योजना के तहत जो पेंशन मिल रही है, वह न्यूनतम 1000 और अधिकतम 3000 से अधिक नहीं है। ऐसे कर्मचारी और इनका परिवार बहुत परेशान है। जब नई पेंशन योजना लागू की गई थी तो तुरंत इसके परिणाम पता नहीं थे इसलिए उस समय विरोध दर्ज नहीं कराया था अब हजारों कर्मचारी नई पेंशन योजना के दुष्परिणाम का सामना कर रहे हैं इसलिए विरोध प्रदर्शन की जरूरत पड़ी है।
Madhya Pradesh Laghu vetan karmchari Sangh- president's statement
महेंद्र शर्मा का कहना है कि हर स्तर पर सरकार को बता चुके हैं कि नई पेंशन योजना से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के हितों का कल्याण नहीं हो रहा है उनके सामने आर्थिक परेशानियां है। ऐसे कर्मचारी खुद का इलाज भी नहीं करवा पा रहे हैं परिवार की रक्षा करना तो दूर की बात है। इसके अलावा कर्मचारियों की वेतन विसंगति, पद नाम बदले जाने, छोटे कर्मचारियों को उनके गृह जिले में पदस्थ करने, उनका बकाया एरियर देने, उन्हें सम्मानजनक पद नाम से बुलाए जाने और वर्षों से विभागों में कार्यरत अस्थायी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, मृतक स्थायी कर्मियों की मौत के बाद उसके स्वजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग लगातार कर रहे हैं।
दर्जनों बार विभागों के अधिकारियों से पत्राचार किया जा चुका है उनके सामने अपनी समस्याएं रखी जा चुकी है। सरकार के प्रतिनिधियों को समय-समय पर मांगों से अवगत कराया गया है तब भी निराकरण नहीं किया जा रहा है। अब विरोध प्रदर्शन ही एकमात्र तरीका है। इसी के जरिए शासन से मांगे मनवाने का प्रयास कर रहे हैं। अगले चरणों में अपने-अपने जिलों में लगातार प्रदर्शन करेंगे, भूख हड़ताल पर बैठेंगे और आखिरी में सभी राजधानी के लिए कूच करेंगे और यहीं डेरा डालकर तब तक बैठे रहेंगे, जब तक कि मांगों का निराकरण नहीं कर दिया जाता। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.