क्या सभी प्रकार की निजी और सार्वजनिक तालाब शासकीय संपत्ति होते हैं, जानिए - MP Land Revenue Code, 1959

मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता की धारा 57 के अनुसार राज्य की समस्त भूमि पर सरकार का अधिकार होता है। सरकार इन भूमियों को कभी भी आपने अधीन कर सकती है लेकिन कुछ ऐसी भूमि जो वाजिबुल अर्ज या छूट पाने (निस्तार) के अधिकार में सम्मिलित हैं उनको छोड़कर। धारा 57 में तालाबों को शामिल नहीं किया गया था। तालाबों को राज्य सरकार ने अलग से अपना अधिकार माना है जानिए।

मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 251 की परिभाषा:-

ऐसी समस्त भूमि जो भूमि पट्टे से मुक्त हो, वे तालाब वाली समस्त भूमि 6 अप्रैल 1959 के बाद सरकार के निहित होगी। 
कौन सा तालाब राज्य में निहित नहीं होगा:-
वह तालाब तब तक राज्य शासन में निहित नहीं होगा होगा जब तक कि कलेक्टर (जिला मजिस्ट्रेट) जाँच न कर ले कि भूमि पट्टे या निस्तार (छूट के अधिकार) या वाजिबुल अर्ज (रूढ़ि अभिलेख) के जाँच शर्त पूरी हो जाने के बाद हितधारियों को सुनवाई के लिए अवसर व नोटिस देगा।

मुआवजा या प्रतिकर का अधिकार

जहाँ कलेक्टर की जाँच रिपोर्ट में यह पाया जाता है कि भूमि निजी पट्टे या किसी निस्तार या रूढ़ि अभिलेख की है, तो वह भूमि स्वामी तालाब का प्रतिकर या मुआवजा लेने का हकदार।
• शासन ऐसे तालाब को अपने निहित नहीं लेगा जिससे व्यक्ति के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पडता हैं।
नोट:- तालाब के तट पर लगे वृक्ष भी शासन में निहित होंगे। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!