SC-ST वर्ग पर अत्याचार का षड्यंत्र रचने वाले के खिलाफ न्यायालय क्या कार्रवाई कर सकता है, पढ़िए SC-ST act,1989

किसी की हत्या की साजिश करना अथवा राज्य सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र रचना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 जो SC-ST एक्ट, 1989 की धारा-21(2)(vii) के अनुसार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्यों पर अन्य वर्ग के व्यक्ति द्वारा अत्याचार होनी की संभावना है, तब ऐसे व्यक्ति की सुरक्षा करना सरकार का कानूनी कर्त्तव्य भी है जानिए।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा-10 की परिभाषा:-
जहाँ किसी विशेष न्यायालय को किसी परिवाद द्वारा या पुलिस रिपोर्ट द्वारा यह समाधान हो जाता है कि किसी क्षेत्र में विशेष वर्ग के व्यक्ति (SC-ST) पर किसी अन्य वर्ग के द्वारा एक्ट की धारा 3 के अधीन किसी भी प्रकार का अपराध होने की संभावना है तब विशेष न्यायालय को यह शक्ति प्राप्त है कि वह ऐसे व्यक्ति को अधिकतम तीन वर्षों तक उस स्थान से हटने का आदेश दे सकता है।

एक्ट की धारा-10 के अंतर्गत निष्कासन का आदेश न मानने पर दण्ड का प्रावधान:-

अगर कोई व्यक्ति विशेष न्यायालय के द्वारा दिये गए धारा 10 का उल्लंघन करता है तब ऐसे व्यक्ति को एक वर्ष की कारावास एवं जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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