शिवराज की सेंधमारी रोकने कमलनाथ ने बैठक बुलाई, प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ना होगा - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। विधानसभा चुनाव 2023 की शुरुआती तैयारियों के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम करके कांग्रेस पार्टी के आदिवासी वोट बैंक में जबरदस्त सेंधमारी कर डाली। इसे रोकने के लिए कमलनाथ ने बैठक बुलाई है। मध्य प्रदेश के 22 जिलों के 89 ट्राइबल ब्लॉक के पदाधिकारियों को 24 नवंबर को भोपाल बुलाया गया है।

2018 के चुनाव में आदिवासी बेल्ट में बढ़त मिली थी 

मध्य प्रदेश की 84 विधानसभा में आदिवासी मतदाता सबसे ज्यादा संख्या में है। कांग्रेस पार्टी आदिवासी वोट को अपना वोट बैंक मानती है। हालांकि उसकी मान्यता पहले ही गलत साबित हो गई थी। 2013 के विधानसभा चुनाव में 84 में से 59 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विधायक बने थे लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को आदिवासी बेल्ट में फिर से बढ़त मिल गई थी। भारतीय जनता पार्टी मात्र 34 सीटों पर सिमट गई थी। कमलनाथ ने बड़ी ही चतुराई के साथ सरकार को OBC पॉलिटिक्स में उलझाने की कोशिश की थी लेकिन सब गुड गोबर हो गया। 

कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ना होगा

कांग्रेस पार्टी के दोनों प्रमुख पदों (प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष) पर कब्जा करके खुद को पूर्व मुख्यमंत्री कहलाने वाले कमलनाथ को अब प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही मध्य प्रदेश कांग्रेस में आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष की मांग तेज हो गई थी। अब कमलनाथ के पास आदिवासियों को बनाने के लिए सिर्फ यही विकल्प बचा है। प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ना केवल किसी आदिवासी को बिठाना होगा बल्कि योग्य आदिवासी नेता को बिठाना होगा क्योंकि जनजाति के नागरिक अब नेता का चुनाव करना सीख गए हैं। वह सुनने के लिए भीड़ जरूर लगाते हैं परंतु डिसीजन अपने हिसाब से लेने लगे हैं। मध्य प्रदेश में चुनाव संबंधी समाचार एवं अपडेट के लिए कृपया mp election news पर क्लिक करें.

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