सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकानामी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में बेरोजगारी दर में कमी आई है और 25 अक्टूबर को समाचार समूहों के माध्यम से यह भी ज्ञात हुआ कि रोजगार के अवसरों के मामले में बिहार ने राजस्थान व झारखंड को पीछे छोड़ दिया मगर इससे यह स्पष्ट नहीं हो जाता कि बिहार में बेरोजगारी खत्म हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारापुर विधानसभा रैली में युवाओं ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद के नारे लगा दिए।
दूसरी ओर सीएमआईई की एक रिपोर्ट के ही मुताबिक बेरोजगारी दर घट रही है लेकिन मध्यप्रदेश जैसे राज्यों से यह खबरें आ रही है कि शासन द्वारा संचालित रोजगार पोर्टल पर 32.29 लाख बेरोजगारों को 14000 वैकेंसी उपलब्ध है। आपको आगाह कर दें सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2019 से लेकर जून 2020 तक कुल बेरोजगारी 4.8 फीसदी रही थी जिसमें सबसे ज्यादा हिस्सा पढ़े लिखे स्नातक किये शिक्षितों का था जिसमें 17.2 फीसदी यह बेरोजगारी थी इसके बाद स्नातकोत्तर या उससे अधिक पढ़ाई करने वाले 12.9 फीसदी बेरोजगारों का जिक्र किया गया था।
एक तरफ बेरोजगारी में इजाफा हो रहा है दूसरी ओर रोजगार भी छिन रहा है। अगस्त माह 2021 में ही सीएमआईई की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में तकरीबन 15 लाख लोगों का रोजगार छिन गया और देश के सबसे बड़े जनसंख्या वाले राज्य उत्तरप्रदेश में सितम्बर में बेरोजगारी बढ़कर 58% पहुंच गयी और 34 लाख युवा बेरोजगार थे तथा सितम्बर माह में ही भारत में हरियाणा राज्य में बेरोजगारी दर 35.7% फीसदी व राजस्थान में 26.7% थी।
गौरतलब है कि इस बेरोजगारी के दौर में हाल ही में प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत फ्री रजिस्ट्रेशन कर हर महिने 3500 रुपये पाएं, जैसे झांसेदार मैसेज भी वायरल हो रहे है और यह गिरोह लोगों का अकांउट खाली कर रहा है। ✒सतीश भारतीय