साल में ₹700000 की बचत का सबसे सरल तरीका - Laughter management

शक्ति रावत।
कहते हैं, कि धरती पर रहने वाले जीवों में से केवल इंसान को ही ईश्वर ने हंसने का वरदान दिया है। वैज्ञानिक कहते हैं कि हंसना सबसे सहज प्रक्रिया है। नाराजगी दिखाने के लिए जहां चेहरे की 47 मांसपेशियों को मेहनत करनी पड़ती है, तो वहीं हंसने के लिए महज 17 मांसपेशियों को। लेकिन फिर भी इंसान हंसना भूल गया है। 

नौबत यह आ गई है, कि अब लोगों को याद दिलाने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हास्य दिवस मनाना पड़ रहा है। इंसान के लिए आज सबसे मुश्किल काम हंसना और मुस्कुराना ही हो गया है। जबकि हंसी का सीधा संबध आपकी सेहत से है। अगर शोधों और वैज्ञानिक अध्यनों की मानें तो हंसना सिर्फ खुश होने की अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि अपने आप में पूरी एक्सरसाइज हैै। कैसे आज जानिये।

1- 15 मिनिट की हंसी से 40 कैलोरी बर्न

वेंडरविल्ट मेडीकल सेंटर अमेरिका के शोध के अनुसार अगर आप प्रतिदिन 10 से 15 मिनिट तक खुलकर हंस लेते हैं, तो आप आसानी से 10 से 40 कैलारीज तक बर्न कर सकते हैं। यानी आपका मोटापा नहीं बढ़ेगा और मोटापे को कम करने के लिए 1 साल में कम से कम ₹10000 का खर्चा नहीं होगा।

2- 40 मिनिट की लॉफ्टर थैरिपी से तनाव करें कम

कोरियन जर्नल ऑफ नर्सिंग के अध्यन का सार यह है कि सप्ताह में दो बार 40-40 मिनिट के आठ सत्र लेने पर लोगों में तनाव, अवसाद, नींद की कमी और बेचैनी जैसी समस्याओं में उल्लेखनीय सुधार पाया गया है। यानि डिप्रेशन, स्ट्रेस और नींद की कमी जैसी बीमारियों से बच जाएंगे, जिन पर एक साल में लगभग ₹200000 खर्च हो जाते हैं। 

3- 30 मिनिट की हंसी से जिम के बराबर फायदा

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ह्यूमर रिसर्च के अनुसार यदि कोई इंसान एक दिन में 30 मिनिट खुलकर हंस लेता है। तो उसे जिम जाने पर होने वाले सेहत संबधी अधिकांश फायदे मिल जाते हैं। यानी साल भर में कम से कम ₹36000 की बचत हो जाती है।

4- दिल के लिए है बेहतर

खुलकर हंसाना दिल के लिए भी सबसे बेहतर व्यायाम माना जाता है। 2009 में प्रकाशित मेडीकल हाइपोथिसिस शोध के मुताबिक खुलकर हंसने वाले व्यक्ति की रक्त वाहिकाओं की क्रियाशीलता में 22 फीसदी से ज्यादा की वृद्वि देखी गई है। इसके साथ ही अध्यन कहते हैैं कि खुलकर हंसने से नाइट्रिक एसिड बनता है, जो रक्तवाहिकाओं को रिलैक्स करता है, इससे बीपी को कम करने, क्लॉटिंग को रोकने और अन्य सेहत संबधी फायदे पहुंचाने का काम करता है। एनजीओ प्लास्टिक का खर्चा लगभग ₹500000 हैं। थोड़ा सा खुलकर हंस लेंगे तो यह खर्चा बच जाएगा। -लेखक मेटीवेशनल एंव लाइफ मैनेजमेंट स्पीकर हैं।

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