MP NEWS- जनता की समस्याओं पर चर्चा के बिना ही विधानसभा सत्र समाप्त

भोपाल
। सब कुछ जैसे फिक्स था, जनता की समस्याओं पर चर्चा और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर बहस के बिना ही मध्यप्रदेश की विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त हो गया। मात्र 4 दिन के लिए सत्र बुलाया गया था और 2 दिन में समाप्त कर दिया गया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के विधायक हंगामा कर रहे थे। लोक जानना चाहते हैं कि क्या इस समस्या का कोई हल है। यदि विधायकों को विधानसभा में क्षेत्र की समस्याएं उठाने का मौका ही नहीं दिया जाएगा, तो फिर विधायक किस काम के।

मध्यप्रदेश विधानसभा का सबसे छोटा सत्र, मात्र 3 घंटे चला 

मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का नवम सत्र (मानसून सत्र 2021), अब तक के इतिहास का सबसे छोटा सत्र रहा है। यह सत्र मात्र 3 घंटे के लिए चला। कांग्रेस पार्टी के विधायक हंगामा करते रहे और शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने लिए जरूरी विधेयक बिना किसी बहस के पारित करवा लिए। अनुपूरक बजट भी पास हो गया। सरकार ने अवैध कॉलोनी को वैध करने और जहरीली शराब से मौत पर फांसी की सजा के प्रावधान वाले विधेयक विधानसभा में पेश किए थे। विधानसभा में विधेयक पास होने के बाद अब इन्हें राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायकों की उपयोगिता क्या है 

यह सवाल बहुत कम लोग उठा रहे हैं परंतु प्रश्न जिंदा है। सवाल यह है कि जिस प्रकार से पिछले कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश की विधानसभा का संचालन हो रहा है, सदन के भीतर विधायकों की उपयोगिता क्या है। विधायकों को क्षेत्र की समस्याएं उठाने का मौका ही नहीं मिलता। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस ही नहीं होती। ना कोई प्रमाण पेश किए जाते हैं ना ही मंत्री सफाई प्रस्तुत करते हैं। 

किसी एक सर्वव्यापी मुद्दे पर हंगामा शुरू होता है और विधानसभा का सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जाता है। यदि 4 दिन का सत्र 2 दिन में स्थगित करना है तो यह काम विधानसभा का कोई भी कर्मचारी कर सकता है, विधानसभा अध्यक्ष को नियुक्त करने की जरूरत क्या है। 

विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी क्या है, जवाबदेही क्या है

यदि कानून और व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ हो जाए तो कलेक्टर को हटा दिया जाता है, यदि पूरे डिपार्टमेंट में बड़ी गड़बड़ का खुलासा हो तो मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता है, यदि पूरे प्रदेश में गंभीर स्थिति निर्मित हो जाए तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ता है, सवाल यह है कि यदि 4 दिन का विधानसभा सत्र भी नहीं संचालित कर पाए तो क्या विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा नहीं देना चाहिए।

10 अगस्त को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

MP NEWS- जनजातीय दिवस पर सरकारी छुट्टी की घोषणा, कमलनाथ के नहले पर शिवराज सिंह का देहला
GWALIOR NEWS- लैंड रिकॉर्ड का सिस्टम बदल रहा है, सतर्क रहें
MPPSC DSP (MT) आयु सीमा एवं शारीरिक मापदंड का शुद्धि पत्र
MP COLLEGE ADMISSION- शिक्षा विभाग के इंस्टीट्यूट्स में प्राइवेट स्टूडेंट्स को एडमिशन मिलेगा
INFOSYS INDORE कैंपस भर्ती की घोषणा, एप्लीकेशन की लास्ट डेट 12 अगस्त
MP COLLEGE EXAM NEWS- 18 लाख स्टूडेंट्स के लिए फिर से परीक्षा होगी
MP POLICE SI भर्ती का इंतजार कर रहे बेरोजगार ने सुसाइड कर लिया
INDORE NEWS- खेल अकादमी के लिए कक्षा 7 से 12 तक के विद्यार्थी यहां आवेदन करें
GWALIOR NEWS- बाढ़ के सर्वे में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई, 4 कर्मचारी सस्पेंड
MARUTI DZIRE को इलेक्ट्रिक बनाया, 160 टॉप स्पीड, 1 घंटे में चार्ज
MP Employees Annual Statement 2020-21 of GPF Online, यहां देखें

महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां

GK in Hindiपरिक्रमा को इंग्लिश में क्या कहते हैं और हिंदी में इसका अर्थ क्या है
GK in Hindiघी में आग क्यों लग जाती है, दूध में क्यों नहीं लगती
GK in Hindiदुबई के सभी शेख अमीर क्यों होते हैं, कोई कंगाल क्यों नहीं होता
GK in Hindiकुत्ते कार का पीछा क्यों करते हैं, क्या वह कार चोरी की होती है, पढ़िए 4 कारण
GK in Hindi- वह कौन सी संख्या है जिसे रोमन में नहीं लिखा जा सकता
GK in Hindiरानियों के रेशमी वस्त्र किससे धुलते थे, वाशिंग पाउडर तो था नहीं
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
:- यदि आपके पास भी हैं ऐसे ही मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!