क्या मजिस्ट्रेट किसी प्राइवेट विशेषज्ञ से जांच करवा सकता है, पढ़िए CrPC SECTION 140

दण्ड प्रक्रिया संहिता का अध्याय-10 लोक व्यवस्था एवं प्रशान्ति बनाये रखने की शक्ति कार्यपालक मजिस्ट्रेट (SDM) एवं जिला मजिस्ट्रेट (DM) को देती है। अध्याय का खण्ड (ख) लोक-न्यूसेंस धारा-133 के आदेश को जारी करने का नियम बताता है। धारा 133 से धारा 143 तक लोक-न्यूसेंस संबंधित नियमों को बताए गए हैं, पिछले लेख की धारा 139 में बताया गया था कि किसी विशेष जांच के लिए मजिस्ट्रेट किसी भी विशेषज्ञ व्यक्ति को बुलवा सकता है, बुलवाए गये व्यक्ति का खर्च एवं व्यय, और उसके द्वारा बनाई रिपोर्ट को साक्ष्य के रूप में किस धारा के अंतर्गत पेश किया जाएगा जानिए।

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1860 की धारा 140 की परिभाषा:-

【कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा लिखित आदेश देने की शक्ति】-
मजिस्ट्रेट किसी भी विशेषज्ञ (धारा-139 के अंतगत कोई भी व्यक्ति) को स्थानीय अन्वेषण किए जाने के लिए निम्न निर्देश दे सकता है-
(A). उस व्यक्ति को लिखित में ऐसे आदेश देगा जो उसके मार्गदर्शन करने के लिए आवश्यक हो।
(B). यह आदेश लिखित में देगा कि उसकी नियुक्ति का खर्च एवं व्यय किसके द्वारा दिया जाएगा।
(2). विशेषज्ञ की जाँच में प्राप्त रिपोर्ट को साक्ष्य के रूप ले लिया जाएगा।

(3). मजिस्ट्रेट ऐसे विशेषज्ञ का परीक्षण भी करा सकता है एवं उसका खर्च किसके द्वारा दिया जाएगा इसके भी लिखित आदेश मजिस्ट्रेट द्वारा दिये जायेंगे।  :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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