मध्य प्रदेश सिविल सेवाएं (फरलो) योजना 2002 क्या है, नियम एवं शर्तें - What is MP furlough scheme 2002

MP GOVERNMENT EMPLOYEE FURLOUGH SCHEME DETAILS

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि यह योजना दिनांक 2 अगस्त 2002 से मध्य प्रदेश में लागू है। मूल रूप से यह योजना मध्य प्रदेश के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की डिमांड पर बनाई गई थी। क्योंकि शासकीय सेवा में शामिल होने के बाद कुछ अधिकारी कर्मचारी विभिन्न कारणों से लंबे समय के लिए छुट्टी पर जाना चाहते हैं। यह योजना ऐसे कर्मचारियों को लाभान्वित करने के लिए बनाई गई थी। FURLOUGH का अर्थ होता है एक निर्धारित समय के लिए अवकाश। 

मध्य प्रदेश सिविल सेवाएं (फरलो) योजना 2002 के लाभ

कम से कम 3 और अधिकतम 5 साल के लिए छुट्टी पर जा सकता है। 
छुट्टी के दौरान उसे 50% वेतन मिलेगा। 
छुट्टी के दौरान वह प्राइवेट जॉब कर सकता है या फिर अपना बिजनेस कर सकता है। 
छुट्टी पर जाने से उसकी सीनियरिटी प्रभावित नहीं होगी। 
छुट्टी के दिनों में इंक्रीमेंट नहीं मिलेगा लेकिन कर्मचारी अपनी पेंशन का हकदार होगा। 
फरलो योजना का लाभ उठाते हुए यदि कर्मचारी करने का निर्धन हो जाता है तो उसके आश्रित अनुकंपा नियुक्ति के अधिकारी होंगे।

मध्य प्रदेश सिविल सेवाएं (फरलो) योजना 2002 नियम एवं शर्तें 

इस योजना के तहत वह कर्मचारी पात्र नहीं होगा जिसे डिपार्टमेंट द्वारा पेंशन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है। 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा एवं जनशक्ति नियोजन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग एवं पुलिस विभाग के कुछ विशिष्ट पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
परिविक्षाधीन शासकीय सेवक कोई योजना का लाभ नहीं मिलेगा। 
निलंबित कर्मचारी अथवा जिसके खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है, इस योजना के लिए पात्र नहीं होगा। 
3 अथवा 5 वर्ष की अवधि समाप्त होने से पूर्व कर्मचारी का अवकाश समाप्त नहीं होगा। 
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