शिक्षकों को पदनाम: मुख्यमंत्री की घोषणा के सामने कौन खड़ा है, कार्रवाई होनी चाहिए - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मप्र में पदनाम देने की प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग में प्रचलित हैं। मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त कल्याण समन्वय समिति के प्रांतीय अध्यक्ष उदित सिंह भदौरिया संयोजक प्रमोद तिवारी एवं प्रांतीय महामंत्री कन्हैयालाल लक्षकार, हरीश बोयत, जगमोहन गुप्ता, यशवंत जोशी ने संयुक्त प्रेस नोट में बताया कि शिक्षकों को पदनाम से वंचित रखा गया जबकि स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग में कार्रवाई प्रचलित है। 

शिक्षकों कर्मचारियों के लिए है विगत कई वर्षों से यह मांग उठाई गई है। विडंबना देखिए लगभग  चार वर्ष पूर्व माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्रीमान शिवराज सिंह जी चौहान मप्र शासन भोपाल द्वारा की गई मंचीय एवं शिक्षक दिवस पर की गई घोषणा को प्रशासनिक अधिकारियों ने हवा हवाई कर लटका रखा है। प्रदेश के सभी शिक्षकों कर्मचारियों के पदनाम में क्या तकनीकी समस्या है? यह सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना चाहिए। 

उच्च स्तरीय समीक्षा कर आने वाली बाधाओं का समाधान निकालकर पदनाम का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा को तत्काल पूरा किया जाना चाहिए। इसमें रूकावट डालने वालों को चिन्हित कर योग्य अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए ताकि माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा का मखौल उड़ाने की हिम्मत कोई न कर सके। 

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!