दैनिक वेतन भोगी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति विवाद पर हाई कोर्ट का नोटिस जारी - MP NEWS

जबलपुर
। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति की पॉलिसी को लेकर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन से जवाब तलब किया है। मामला जल संसाधन विभाग का है। पिछले 9 साल में शासन में अनुकंपा नियुक्ति की पॉलिसी में कई परिवर्तन किए हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि जो परिवर्तन किए गए हैं, वह सभी आश्रितों पर लागू क्यों नहीं किए जा रहे।

याचिकाकर्ता रघुनन्दन यादव के पिता जल संसाधन विभाग दैनिक वेतन भोगी के पद पर पदस्त थे जिनका स्वर्गवास दिनांक 20.03.2012 को हुआ था। जल संसाधन विभाग विभाग द्वारा याचिकाकर्ता को अनुकम्पा की कोई नीति न होना बता कर उसे नियुक्ति की पात्रता न होना बताया जाता रहा। याचिकाकर्ता के द्वारा जल संसाधन विभाग को अपना आवेदन पूर्व में ही वर्ष 2012 में दिया जा चुका था जो गत दिंनाक तक भी नहीं निर्णीत किया गया। 

पुनः कई बार आवेदन देने उपरांत भी 9 साल का समय बीत जाने के बाद भी आज तक याचिकाकर्ता को विभाग द्वारा नौकरी नहीं दी जा रही थी। जिससे व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका प्रस्तुत कर विभाग के द्वारा किये जा रहे टालमटोल, व अनैतिक व्यवहार को दर्शाते हुए तथा शासन की इन 9 सालों में अनेक बार पालिसी को बदलते रहने के रवैये को चुनौती देते हुए न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका लगायी।

माननीय उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति श्रीमती नंदिता दुबे की एकलपीठ ने अधिवक्ता श्री धीरज कुमार तिवारी के बार बार तर्क सुने के बाद अंततः सरकार द्वारा लगातार बदलती अनुकम्पा नियुक्ति की नीति को पुराने विचाराधीन मामलो में भी लागू क्यों नहीं किया जा सकता है तथा अनुकम्पा नियुक्ति देने में इतने वर्षो का विलंब क्यों किया जा रहा है जैसे अन्य प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए शासन को 3 हफ़्तों में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। जिसके उपरांत याचिकाकर्ता की जल संसाधन विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता पर संचिप्त रूप से निर्णय दिया जावेगा। याचिकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी द्वारा पैरवी की जा रही है।

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