चुनाव में रिश्वत के बदले नाम वापस लेने वाले के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होती है, पढ़िए IPC SECTION 171-B

Bhopal Samachar

What is the legal action against the person who withdraws name for bribe in election

अगर कोई व्यक्ति या लोकसवक रिश्वत लेकर काम करता है तो उनको धोखाधड़ी या लोकसेवक द्वारा किए गए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अंतर्गत दण्ड एवं सजा का प्रावधान किया गया है लेकिन अगर कोई चुनाव में लड़ने वाला अभ्यर्थी या कोई व्यक्ति जो चुनाव में मत देने के लिए भाग ले रहा है ओर वह मत देने के लिए किसी भी प्रकार का गिफ्ट या पैसों को लेता है रिश्वत तौर पर तो यह अपराध एक नई धारा के अंतर्गत होगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 171 (ख) की परिभाषा:-

अगर कोई व्यक्ति निर्वाचन से सम्बंधित निम्न प्रकार से रिश्वत लेते हैं:-
1. निर्वाचन प्रक्रिया से पर्चा वापस लेने के लिए या चुनाव में पर्चा दाखिल न करने के लिए किसी भी प्रकार की रिश्वत अभ्यर्थी द्वारा लेना।
2. अभ्यर्थी या किसी भी व्यक्ति द्वारा वोट न देने या किसी विशेष व्यक्ति को वोट देने के लिए रिश्वत लेना।
3. किसी भी तरह के सत्कार जैसे स्वल्पाहार, भोजन, वाहन, खिलाने पिलाने के लिए चुनाव के समय रिश्वत लेना।
उपर्युक्त स्थिति में कोई व्यक्ति रिश्वत लेता है तब वह धारा 171 ख के अंतर्गत रिश्वतखोरी का अपराधी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 171 ख के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

यह अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं।इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के पास होता है। सजा- इस अपराध के लिए रिश्वत लेने पर 1 वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दाण्डित किया जा सकता है। अगर सत्कार के लिए रिश्वत ली गई हो तब केवल जुर्माने से ही दाण्डित किया जाएगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!