कर्मचारी की अविवाहित बेटी को भी पेंशन मिलेगी - EMPLOYEE NEWS

भोपाल।
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार नियमों में परिवर्तन करने जा रही है। यदि किसी शासकीय कर्मचारी की बेटी अविवाहित है और उसकी उम्र 25 वर्ष से अधिक हो गई है तो उसे भी फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग के पास यह प्रस्ताव परीक्षण के लिए आ गया है। वित्त विभाग मार्च 2020 में ही इस प्रस्ताव को सहमति दे चुका है। अब कोई अड़ंगा शेष नहीं है।

प्रदेश में अभी कर्मचारियों के मामले में माता-पिता की मृत्यु के बाद बेटे को 18 साल और बेटी को 25 साल तक ही परिवार पेंशन पाने की एलिजिबिलिटी है। प्रदेश में इस प्रस्ताव को परिवार पेंशन अधिनियम 1976 से ही लागू किया गया है। वहीं, केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के मामले में 28 अप्रैल 2011 को पेंशन नियमों में संशोधन कर अविवाहित बेटी, विधवा, परित्यक्ता बेटी को पेंशन देने की पात्रता को बढ़ा चुकी है। जिसकी वजह से मध्य प्रदेश सरकार भी इसको बढ़ाने पर विचार कर रही है।

प्रस्ताव पास होने के बाद अविवाहित पुत्री के मामले में यदि आयु 25 साल से ज्यादा हो जाती है और जब तक उसका विवाह नहीं होता उसे परिवार पेंशन मिलती रहेगी। मुख्यमंत्री सचिवालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से परीक्षण करने को कहा है, ताकि पेंशन नियमों में संशोधन कर बेटियों को परिवार पेंशन प्राप्त हो सके।

प्रस्ताव की मुख्य बातें-

1- अविवाहित बेटियों को 25 वर्ष की आयु का सीमा बंधन समाप्त किया जाए। जब तक बेटी का विवाह नहीं हो जाता उसे परिवार पेंशन मिलती रहे।
2- विधवा बेटी के मामले में जब तक वह जीवित रहती है, तब तक परिवार पेंशन के दायरे में लाया जाए। हालांकि इसके लिए माता या पिता को जीवित रहते हुए विधवा बेटी का नाम देना होगा लेकिन दोबारा शादी करने पर यह पेंशन बंद कर दी जाएगी।
3- विकलांग बेटे-बेटियों के मामले में परिवार पेंशन के लिए आयु का कोई बंधन नहीं रखा जाए। यह बात इसलिए कही गई हैं, क्योंकि अभी पुत्र के मामले में पेंशन प्राप्त करने की उम्र 18 वर्ष ही रखी गई है।

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