लव मैरिज के बाद पता चला कि पति का नाम राज नहीं इमरान खान, लव जिहाद का दूसरा मामला दर्ज - BHOPAL NEWS

भोपाल।
भोपाल में लव जिहाद का एक और मामला सामने आया है। आरोपी ने दो साल पहले दर्ज किए गए दहेज प्रताड़ना के मामले में कोर्ट में पेशी के दौरान पत्नी को धमकाया। उसने कहा कि अगर धर्म परिवर्तन नहीं किया, तो जान से मार डालूंगा। एमपी नगर पुलिस ने महिला की शिकायत पर शादी के करीब चार साल बाद आरोपी के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश की धारा 3/5 में FIR की। तीन दिन पहले आरोपी ने यह धमकी दी थी।

TI सूर्यकांत अवस्थी ने बताया, 27 साल की पीड़ित इंद्रपुरी की रहने वाली है। उसने वर्ष 2016 में विदिशा निवासी इमरान खान उर्फ राज प्रजापति से प्रेम विवाह किया था। उसने बताया कि शादी के बाद उसे पता चला कि उसका नाम राज प्रजापति नहीं, बल्कि इमरान खान है। उसके बाद वह पीड़ित को धर्म बदलने और दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा। 

दो साल पहले उसने महिला थाने में इमरान के खिलाफ दहेज प्रताड़ना समेत अन्य धाराओं में FIR कराई थी। महिला ने बताया, वह गत 15 फरवरी को इसी मामले की कोर्ट में पेशी थी। वह दोपहर में पेशी पर पहुंची। इस दौरान इमरान ने उससे मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देकर धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाया। पीड़ित ने घटना की शिकायत एमपी नगर पुलिस से की। पुलिस ने मारपीट, जान से मारने की धमकी समेत धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश की धारा 3/5 की धारा में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

घटना की सूचना पीड़ित ने तत्काल सूचना नहीं दी। उसने दो दिन बाद थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने नए कानून के तहत मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। इधर, मामले की जानकारी लगने के बाद हिंदू संगठन भी एमपी नगर थाने पहुंच गए।

नए कानून के तहत जनवरी में ही 23 मामले दर्ज किए जा चुके थे। इसमें सबसे ज्यादा भोपाल संभाग में 7 हुए थे। नया मामला दर्ज होने के बाद यह संख्या 8 पहुंच गई है। जनवरी में 23 दिन के अंदर इंदौर में 5, जबलपुर व रीवा संभाग में 4-4 और ग्वालियर संभाग में 3 केस दर्ज किए जा चुके थे।

मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 का अध्यादेश 9 जनवरी शाम 5 बजे से यह प्रदेश में लागू हो गया। सरकार द्वारा इसका नोटिफिकेशन जारी कर उसकी प्रति प्रदेश के सभी कलेक्टर को भेज जा चुकी है। हालांकि इसे 6 महीने में विधानसभा से पास कराना होगा। इससे पहले यह कानून उत्तर प्रदेश में भी अधिनियम के माध्यम से लागू किया जा चुका है।

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