भोपाल। रेलवे के डिप्टी सीटीआई संजय मिश्रा की स्कूटी को छोला मंदिर इलाके में रविवार को एसयूवी ने टक्कर मार दी। हादसे में संजय की मौत हो गई। संजय ने रात 10.30 बजे तक अपनी छोटी बेटी का पहला जन्मदिन मनाया। फिर रात में अपने साले को भोपाल रेलवे स्टेशन छोड़ने गए। लौटते समय घर से महज 500 मीटर दूर एसयूवी उनकी स्कूटी को घसीटते हुए ले गई।
घटना का सीसीटीवी सामने आया है। इस डेढ़ मिनट के वीडियो में 30 सेकंड में हादसा दिखाई दे रहा है। साफ दिख रहा है कि संजय धीरे धीरे अपनी स्कूटी से आ रहे हैं। वह ब्रेक लगाकर स्कूटी को रोक भी देते है, तभी सामने से गाड़ियाें काे टक्कर मारती आ रही एसयूवी उन्हें घसीटते हुए ले जाती है। इस घटना के बाद से उनकी पत्नी आशी मिश्रा का रो-रो कर बुरा हाल है। वह उनके साथ हुई अंतिम बातचीत को याद करते हुए एसयूवी चालक पर हत्या करने का आरोप लगा कर न्याय दिलाने की बात कर रही है।
आशी रोते हुए कहती हैं कि बेटी का जन्मदिन मनाने के बाद वे रात को भाई को छोड़ने रेलवे स्टेशन गए थे। 11 बजे के बाद कॉल नहीं आया। वह तो एक तरफ खड़े गए थे। वीडियो में दिख रहा है ना। मैंने तो वीडियो भी नहीं देखा। दो छोटी बच्चियां हैं। एक साल और पांच साल की। बड़ी बेटी पूछती है पापा कहा है। मैं क्या बता दूं। उनकी क्या गलती। मुझे न्याय चाहिए। आरोपी को गिरफ्तार किया जाए। मैं उससे मिलना चाहती हूं। यदि उसे छोड़ा गया है, तो उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हो।
सांत्वना दे रहे लोगों से आशी कह रही थीं कि उन्होंने ना तो कभी शराब पी, न सिगरेट। किसी की तरफ कभी आंख उठा कर नहीं देखा। उनका किसी से कोई झगड़ा भी नहीं था। मेरी शादी को 6 साल नहीं भी नहीं हुए हैं। मुझे विधवा बना दिया। मेरे बच्चों को अनाथ कर दिया। जाते वक्त कह गए थे कि तू दिन भर काम में लगी रहती हो। मैं आकर किचन में बर्तन रख दूंगा। बच्चों के साथ आराम कर लें। मैंने गेट भी खुला रखा था। गेट बंद रहता है तो चिल्लाते हैं। छोड़ कर चले गए। एक बेटी सोफे पर सोते रह गई। दूसरी बाहर मेरी गोद में सो गई।
आशी ने कहा कि घर से ड्यूटी जाते वक्त वह हमेशा बच्चों को गले लगाकर जाते थे। हम इंतजार कर रहे थे। वह लौटकर नहीं आए। उनको मुझसे छिन लिया। उनकी हत्या कर दी। वह आखरी बार मिलकर भी नहीं गए। वह कहते थे कि दोनों बेटियाें का धूमधाम से कन्यादान करुंगा।
मेरी बड़ी बेटी पूछती है पापा को क्या हो गया। उनको पन्नी में क्यों पैक किया। मैं क्या जवाब दूं। छोटी बेटी बड़ी हाेगी और उसको पता चलेगा कि उसके जन्मदिन पर ही उसके पापा की मौत हुई। वह क्या अपना जन्मदिन मना पाएंगी। अपने आप को अनलकी नहीं मानेगी? वो अपने बच्चों के लिए जीना चाहते थे। मेरी तो पूरी लाइफ ही उजाड़ दी।
पत्नी आशी की पहली मांग है कि उस गाड़ी को जो भी चला रहा हो। एक हो या दो गिरफ्तार हो। मैं उससे व्यक्तिगत मिलना चाहती हूं। यदि उनको किसी ने छोड़ा है तो उसको गिरफ्तार किया जाए। मुझे कोई मुआवजा या पैसा नहीं चाहिए। इससे मेरा पति वापस नहीं आएंगे।