मध्यप्रदेश कर्मकार मंडल: निरस्त पंजीयन की अपील व्यवस्था - MP NEWS

भोपाल
। मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के सत्यापन के लिये चलाए जा रहे अभियान के दौरान जिन कर्मकारों के पंजीयन निरस्त हो गए हैं, उन्हें अब दो स्तर पर अपील का मौका मिलेगा। राज्य शासन के श्रम विभाग द्वारा इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है।

रजिस्ट्रेशन निरस्त हो जाने पर मजदूर कहां अपील करेंगे

शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त द्वारा पारित निरस्ती आदेश के विरुद्ध प्रथम अपील कलेक्टर और द्वितीय अपील संभाग आयुक्त के यहाँ की जा सकेगी। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) और द्वितीय अपील कलेक्टर के यहाँ की जा सकती है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के सीईओ द्वारा जारी निरस्ती आदेश के विरुद्ध प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को और द्वितीय अपील कलेक्टर के यहाँ की जा सकेगी।

मध्यप्रदेश कर्मकार कल्याण मंडल में रजिस्ट्रेशन के लिए अपील हेतु दस्तावेज

मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत ऐसे निर्माण श्रमिक जिनका पंजीयन सत्यापन के दौरान अपर्याप्त कारणों से निरस्त कर दिया गया वे अपनी पात्रता के सभी साक्ष्यों सहित पदाभिहित अधिकारी के समक्ष अपना अपील आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। पदाभिहित अधिकारी आवेदन की जाँच कर अपने स्पष्ट अभिमत सहित प्रतिवेदन निराकरण के लिए अपीलीय प्राधिकारी को प्रेषित करेंगे। अपीलीय प्राधिकारी प्रतिवेदन के आधार पर और जरूरत होने पर अन्य जाँच कराने के बाद समुचित आदेश जारी करेंगे। 

मजदूरों को अपील की अवधि में योजनाओं का लाभ मिलेगा या नहीं

अपीलीय प्राधिकारी द्वारा अपील के निराकरण के बाद पंजीयन के लिए अधिकृत अधिकारी द्वारा अपने श्रम सेवा पोर्टल लॉगिन पर उपलब्ध कराई गई यूटिलिटी में अपील के निराकरण से संबंधित जानकारी आदेश प्रति सहित अपलोड की जाएगी। अपीलार्थी के साक्ष्य सही पाए जाने पर उसका पुराना पंजीयन पुनर्जीवित हो जाएगा। मगर जिस अवधि में वह अपात्र माना गया था उस अवधि में मंडल द्वारा संचालित किसी भी योजना के लिए पात्र नहीं होगा। 

मध्यप्रदेश में श्रमिकों का पंजीयन कहां होता है

ज्ञात हो वर्ष 2014 से ग्रामीण क्षेत्र में निर्माण श्रमिकों को पंजीयन के लिये जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और शहरी क्षेत्रों में नगर निगम आयुक्त/ मुख्य नगरपालिक अधिकारी को पंजीयन के लिये अधिकृत किया गया था। पंजीयन के लिए आवेदन पत्र की प्राप्ति पर संबंधित अधिकारी समुचित जाँच के बाद और आवेदन पत्र की वास्तविकता का समाधान होने के बाद पंजीयन स्वीकृत या अस्वीकृत करने की कार्यवाही करते हैं।

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