सरकारी कर्मचारी दहेज/गिफ्ट: किस नियम के तहत कार्रवाई होगी - पढ़िए MP CIVIL SERVICES (Conduct) RULES 1965

समाज में विवाह के अवसर पर लड़का यदि सरकारी नौकरी में है तो उसे गैर सरकारी की तुलना में ज्यादा दहेज मिलता है। भारतीय दंड संहिता के अनुसार दहेज लेना है एवं देना दोनों अपराध है इसलिए दहेज को उपहार का नाम दिया जाता है, परंतु क्या आप जानते हैं। एक शासकीय सेवक ना तो कोई गिफ्ट अथवा दहेज ले सकता है और ना ही दे सकता है। मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के अनुसार दहेज अथवा गिफ्ट लेना और देना दोनों अपराध है एवं इसके लिए सेवई भी समाप्त की जा सकती है।

क्या शासकीय कर्मचारी दहेज ले सकता है या दहेज दे सकता है

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 की धारा 14 के तहत कोई भी शासकीय सेवक न तो किसी को दहेज देगा न ही किसी से दहेज लेगा। न ही दहेज लेने या देने के लिए किसी को प्रेरित करेगा। अगर वह लोकसेवक ऐसा करता है तो नियम 14 के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा।

क्या सरकारी अधिकारी/ कर्मचारी किसी भी प्रकार का उपहार ले सकता है

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965, नियम 14 (1) के अनुसार कोई भी शासकीय सेवक किसी भी व्यक्ति से न तो उपहार को स्वीकार करेगा और न ही उसे स्वीकार करनें के लिए अपने परिवार के सदस्य को या उसके साथ काम करने वाले किसी सदस्य को इसकी इजाजत देगा। अगर कोई लोकसेवक किसी भी प्रकार का उपहार लेता है तब नियम की धारा 14(1) का उल्लंघन माना जायेगा। (निजी कार्यक्रमों में या विभागीय कार्यक्रम में गिफ्ट के तौर पर फूलों का गुलदस्ता आदि ले सकते हैं) :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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