900 स्टूडेंट्स रोज परेशान हो रहे हैं, जुलानिया सर ने उनकी हेल्पलाइन बंद करा दी - MP NEWS

भोपाल
। माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल के चेयरमैन एवं वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री राधेश्याम जुलानिया ने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब के लिए संचालित की जाने वाली हेल्पलाइन बंद करवा दी है। बंद हो चुकी हेल्पलाइन पर हर रोज औसत 900 फोन कॉल आ रहे हैं। निश्चित रूप से यह सभी स्टूडेंट हैं जो अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। 

CM HELPLINE और बाल आयोग में शिकायत कर रहे हैं बच्चे

माशिमं की हेल्पलाइन बंद होने के संबंध में तकरीबन 150 से अधिक शिकायतें सीएम हेल्पलाइन और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग पहुंची हैं। मामले में संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि माशिमं की हेल्पलाइन बंद होने की शिकायतें पहुंची है। इस संबंध में माशिमं और स्कूल शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

एक साल में 2 लाख 38 हजार से अधिक कॉल

1 जनवरी से 31 दिसंबर 2020 तक संचालित हेल्पलाइन नंबर पर 2 लाख 38 हजार 995 कॉल पहुंचे। यह हेल्पलाइन सुबह आठ बजे से रात को आठ बजे तक तीन शिफ्ट में चलती थी। प्रभारी हेमंत शर्मा का कहना है कि हेल्प लाइन में अभी काउंसलर को नहीं बैठाया गया है। इसे डिपार्टमेंट के लोग देख रहे हैं। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारी जो दिशा निर्देश जारी करेेंगे उस पर काम किया जाएगा। इधर काउंसलर का कहना है कि अभी उन्हें कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। हेल्पलाइन में अभी कोई भी काउंसलर नहीं है। तो काउंसलिंग कौन करेंगा।

1 जनवरी से नहीं मिल रहा रिस्पॉन्स

हेल्पलाइन 1 जनवरी से बंद कर दी गई है। माशिमं ने इसकी पूर्व सूचना किसी भी माध्यम से नहीं दी। इसकी वजह से स्टूडेंट को कई तरह की परेशानी आ रही है। स्टूडेंट ही नहीं, अभिभावकों ने भी इसकी शिकायत बाल आयोग में की है।

छतरपुर निवासी एमएल साहू का कहना है कि उनका बेटा 10वीं में है। उसने कई बार हेल्पलाइन में फोन लगाया लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा। वहीं पोर्टल में ब्लू प्रिंट अपलोड नहीं हुए ऐसे में किससे बच्चा जानकारी ले।

एक अन्य स्टूडेंट सीमा तिवारी का कहना है कि जब भी उसे कोई पढ़ाई करते समय मानसिक परेशानी आती थी तो वह फोन करके समस्या का समाधान पा लेती थी। 12वीं कक्षा के स्टूडेंट समीर छावड़ा का कहना है कि परीक्षा की तैयारी में आ रही समस्या के समाधान के लिए कॉल किया लेकिन वहां से कोई रिस्पांस नहीं मिला।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !