मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 11 चेहरे फाइनल, यही कमलनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाएंगे - MP NEWS

भोपाल
। तमाम खींचतान के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस यानी कमलनाथ ने महत्वपूर्ण पदों के लिए 11 नाम फाइनल कर लिए है। नेता प्रतिपक्ष के अलावा, उपनेता प्रतिपक्ष भी नियुक्त किया जाएगा। संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर शेष बचे 9 लोगों की प्रतिष्ठा की जाएगी। यह 11 नेता ही पूरे मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी का काम करेंगे। शेष सभी लोगों के दायरे सीमित रहेंगे। टारगेट है 2023 में फिर से 'जय-जय कमलनाथ'

मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 11 नेताओं के नाम 

बाला बच्चन: कमलनाथ के विश्वासपात्र, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर लगभग फाइनल। 
सचिन यादव: कमलनाथ की पिछड़ा वर्ग राजनीति का चेहरा, उप नेता प्रतिपक्ष पद के दावेदार। (पिछड़ा वर्ग को वोट बैंक बनाने के लिए ही कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के खिलाफ उनके 14% आरक्षण को 24% कर दिया था।) 
सज्जन सिंह वर्मा: मध्यप्रदेश में कमलनाथ की टीम के प्रणब मुखर्जी है, योग्य हैं लेकिन यदि पद मिल गया तो कमलनाथ के लिए खतरा हो सकते हैं इसलिए संगठन में कोई भी महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा लेकिन काम होगा एटीएस की तरह कमलनाथ को नुकसान पहुंचाने वाले मामलों का सामना करना।
जीतू पटवारी: संगठन में महत्वपूर्ण पद और ऐसे सभी काम जिसके कारण मीडिया की सुर्खियां ना बन पाए। जैसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आम सभा एवं पार्टी का प्रचार आदि।

जयवर्धन सिंह: दिग्विजय सिंह के चिरंजीव हैं इसलिए जीतू पटवारी के समकक्ष पद, परंतु पूरे प्रदेश की जिम्मेदारी नहीं। 
पीसी शर्मा: कमलनाथ के प्रति निष्ठा प्रमाणित करने के बाद पार्टी में महत्वपूर्ण पद मिलेगा। राजधानी भोपाल और कर्मचारियों की राजनीति। 
हर्ष यादव एवं बृजेंद्र सिंह राठौर: बुंदेलखंड के 5 जिले सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना में। 
रामनिवास रावत: पार्टी में महत्वपूर्ण पद इसलिए ताकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को नुकसान पहुंचाया जा सके। जरूरत पड़ने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करवाकर कुछ ऐसे राज खुलवा दिया जाए जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए तनाव का कारण बने। 
लाखन सिंह यादव: ग्वालियर चंबल क्षेत्र में कमलनाथ के विश्वासपात्र। 

शायद एक खास रणनीति के तहत बघेलखंड क्षेत्र से किसी नेता को टीम में महत्वपूर्ण पद नहीं दिया जाएगा क्योंकि अजय सिंह राहुल अपने प्रभाव क्षेत्र को लेकर काफी आक्रमक है। वहां कमलनाथ की कांग्रेस नहीं बल्कि अजय सिंह की कांग्रेस काम करती है। 
जबलपुर एवं महाकौशल में किसी भी नेता को अपना चेहरा बनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि क्षेत्र में कमलनाथ का डायरेक्ट कनेक्शन एवं कम्युनिकेशन है और ऐसा कोई नेता नहीं है जो पद न मिलने की स्थिति में रूठ जाएगा और उसके रूठ जाने से कोई नुकसान होने वाला हो।

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