कमिश्नर को शासन के प्रतिनियुक्ति आदेश निरस्त करने का अधिकार नहीं: हाई कोर्ट - MP NEWS

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल नगर निगम के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति बहाल की

भोपाल नगर निगम में कार्यरत पाँच कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने वाले, कमिश्नर नगर निगम भोपाल के आदेश दिनाँक 25/08/2020 को जबलपुर हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। श्री लेखेंद्र शाक्य, भगवान सिंह प्रधान, मनीष बालमीक, विभांशु दीक्षित, विपिन बरेले, जो क्रमशः सैनिटरी सुपरवाइजर एवम वायरमैन के पद पर कार्यरत हैं, को नगर निगम, जबलपुर एवं अन्य स्थानों से राज्य शासन के आदेश से नगर निगम, भोपाल प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था।

प्रशासक नगर निगम द्वारा, दिनाँक 24/08/2020 को याचिका कर्ताओं सहित अन्य कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने हेतु संकल्प पारित किया गया। तदानुसार, दिनाँक 25/08/2020 को याचिकाकर्ता को मूल विभाग /संस्था में वापिस भेजने के आदेश, आयुक्त नगर निगम, भोपाल द्वारा जारी कर दिए गए।

कर्मचारियों द्वारा, उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर कर उपरोक्त आदेशों को, अवैधानिक, मनमाना बताकर चुनौती दी गई। याचिकाकर्ता कर्मचारियों के वकील उच्च न्यायालय, जबलपुर श्री अमित चतुर्वेदी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सेक्शन 58 (3), 58(5) मध्यप्रदेश म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1956 के आधीन प्राप्त शक्तियों के क्रियान्वयन में राज्यशासन द्वारा (नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल) ,  नगर निगम, जबलपुर एवम स्थानों से भोपाल नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर भेज गया था।

प्रशासक नगर निगम भोपाल द्वारा, दिनाँक 24/08/2020 को मनमाने ढंग से संकल्प पारित कर, याचिका कर्त्ताओं सहित अन्य लगभग 60 कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। तदानुसार, आयुक्त नगर निगम भोपाल द्वारा, 25/08/2020 संबंधित कर्मचारियों के प्रतिनियुक्ति समाप्ति के व्यक्तिगत आदेश जारी कर दिए गए। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा, कोर्ट को बताया गया कि, आयुक्त नगर निगम को कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्ति के अधिकार नही है,  चूंकि, प्रतिनियुक्ति पर स्थानांतरित करने के आदेश, सेक्शन 58 (3), 58(5) मध्यप्रदेश म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1956 के आधीन प्राप्त शक्तियों के क्रियान्वयन में राज्यशासन द्वारा (नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल) , द्वारा किये गए थे, अतः आयुक्त नगर निगम का आदेश अधिकारिता से बाहर है।  

इसके  अलावा कोर्ट ने यह भी माना कि, किसी भी अवैधानिक आदेश को, पश्चातवर्ती  अनुमोदन के द्वारा अनुमोदित नही किया जा सकता है, चूंकि राज्य शासन ने 02/09/2020 को शासन के आदेश का अनुमोदन किया था। उपरोक्तानुसार आदेश दिनाँक 02/09/20  भी विधि विरुद्ध है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दिनाँक 25/11/2020 को सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय जबलपुर ने आयुक्त नगर निगम, भोपाल के  प्रतिनियुक्ति समाप्त करने वाले आदेश दिनांक 25/08/2020 एवम आदेश दिनांक   0 2/09/2020  को निरस्त कर दिया है। उच्च न्यायालय के अनुसार, यद्यपि, सेवाओं के संबंध में विधि अनुसार,  कर्मचारियों को सुनवाई का अवसर देने के बाद जारी किये सकते हैं।
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