INDORE: 1 अनाउंसमेंट से फैली दहशत, चौकीदार, बाई सब काम छोड़ भागे - MP NEWS

इंदौर।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की रेसकोर्स रोड पर गली नंबर-2 अब चर्चा में है। कारण काेरोना को लेकर रविवार शाम को हुआ एक अनाउंसमेंट। इस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। प्रशासन और निगम की टीम ने यहां एक मल्टी को सील कर दिया है।  
 
यहां आई एक गाड़ी अनाउंस कर गई कि इस मल्टी में 70 लोग कोरोना संक्रमित हैं। यह सुनते ही चौकीदार और कामवाली बाई काम छोड़ चले गए। यही नहीं कुछ लोग तो घर छोड़कर कहीं और रहने चले गए, जो बचे उनकी रात डर और खाैफ के बीच गुजरी। जबकि हकीकत यह है कि दिवाली से अब तक इस क्षेत्र में ही 34 के करीब लाेग पॉजिटिव आए हैं। सुबह लोग उठे और एक-दूसरे से सामना भी हुआ, लेकिन हर आंख में शंका थी कि इसे तो कोरोना नहीं। दोपहर में रहवासी इस कार्रवाई के विरोध में उतर आए और सवाल किया कि 41 फ्लैट की मल्टी में करीब 100 लोग रहते हैं, इसमें से 70 पॉजिटिव कैसे आ सकते हैं? रहवासी सुमित जैन ने बताया हमारी छह मंजिला मल्टी में 41 फ्लैट में 100 लोग निवास करते हैं। पिछले 10 दिनों में यहां से एक भी मरीज पॉजिटिव नहीं आया है। एक बुजुर्ग जरूर कुछ दिन पहले संक्रमित हुए थे, लेकिन वे भी तीन दिन पहले ठीक होकर वापस घर लौट आए हैं। 
वहीं, मल्टी में रहने वाले एक डॉक्टर पॉजिटिव हुए थे, उन्होंने खुद को एक अलग फ्लैट में क्वारैंटाइन कर लिया था। अभी की कंडीशन में यहां एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं हैं। इसके बावजूद निगम-प्रशासन ने पूरी मल्टी को दोनों और से सील कर दिया। उनका कहना है कि यह मल्टी कोरोना का एपिसेंटर हैं। हमारे पास 70 लोगों की लिस्ट है, जो यहां संक्रमित हैं। जबकि पूरे कोरोना कॉल में इस मल्टी से करीब 10 से 11 लोग ही संक्रमित हुए हैं। हम लिस्ट मांग रहे हैं तो उसे भी नहीं दे रहे हैं।

जैन के अनुसार एक जीप रविवार दोपहर यहां आई और मल्टी को दोनों ओर से सील कर दिया। वे लाउडस्पीकर पर लगातार कह रहे थे कि मल्टी वाले यहां से बाहर नहीं निकलें, जिसे निकलना हो अभी निकल जाएं। इसके बाद मल्टी सील कर दी जाएगी। यदि किसी ने इसके बाद निकलने की कोशिश की तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। मल्टी में एक युवक की शादी है। उसने प्रशासन की मदद के लिए कहा था कि वह सिर्फ दोनों ओर से पांच-पांच लोगों को बुलाकर मंदिर में शादी कर लेगा, लेकिन मल्टी सील होने के बाद अब उसकी शादी टलती नजर आ रही है। वह तैयारी तक नहीं कर पा रहा है। रहवासियों का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत है, जबकि यहां पर कोई ऐसा मरीज ही नहीं है।

जैन ने बताया कि हमारी मल्टी की तरह ही सामने वाली करीब 8 मंजिला मल्टी जिसमें करीब 200 लोग रहते हैं, उसे भी सील कर दिया गया है। वहां भी पूरे कोरोना काल में 10 से 15 लोग संक्रमित हुए होंगे। बावजूद उसे सील कर दिया गया है। मल्टी सील होने से लोग दहशत में हैं। सभी एक-दूसरे को शक की नजर से देखने लगे हैं। कहीं सामने वाला संक्रमित तो नहीं।

रहवासी आलोक शर्मा ने बताया कि मल्टी में अप्रैल से लेकर अभी तक 10 से ज्यादा संक्रमित नहीं आए हैं। अभी एक डॉक्टर जरूर संक्रमित हुए थे। उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी है। इस प्रकार का अनाउंसमेंट मानसिक रूप से प्रताड़ित करना है। यह नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह ज्यादती है। मेरे कई रिलेटिव के फोन आए। हालात ये हो गए कि हम मल्टी वाले ही एक दूसरे को शक की नजरों से देखने लगे। कोरोना का इतना प्रचार हो चुका है कि हर इनसान यह सुनते ही टेंशन में आ गया। बिना जांच के कुछ भी किया जा रहा है।

रहवासी चंचल कुमार जैन ने बताया कि हमारी मल्टी में करीब डेढ़ 100 लोग रहते हैं। कल शाम से अनाउंसमेंट के बाद माहौल इतना खराब हुआ कि करीब आधा दर्जन परिवार तो यह सुनकर फ्लैट बंद कर कहीं और चले गए। हमने भी बाहर जाने का प्लान बना लिया था। सुबह जब न्यूज के जरिए सही जानकारी मिली तो हमें लगा कि कहीं जाने की जरूरत नहीं है। लोग इतने डर गए कि जगह-जगह से कॉल कर हमारे बारे में पूछते रहे। अलाउंस के बाद ही गार्ड छोड़कर भाग गए, कामवाली बाई ने भी दूरी बना ली। ज्यादातर बिजनेसमैन यहां रहते हैं।

रहवासी शैला ने बताया कि मेरा एक बच्चा एम्सटर्डम और दूसरा बेंगलुरू में रहता है। उन्होंने रात में न्यूज पढ़कर डर के मारे हमें कॉल किया। उनके लगातार रातभर फोन आते रहे। ऐसा क्या हो गया कि मल्टी में 70 लोग संक्रमित हो गए हैं। जबकि यहां छह लोग भी वर्तमान में संक्रमित नहीं हैं। इस प्रकार से गलत जानकारी देने से यह दहशत फैली है। जब प्रशासन निगम के लोग सील कर रहे थे तब भी युवकों ने कहा था कि सर जानकारी गलत है, यहां कोई मरीज नहीं हैं। इसके बाद भी वे मानने को तैयार नहीं थे। यह गलत जानकारी नहीं देनी तो पास वाले तो समझ जाते हैं, लेकिन दूर बैठा व्यक्ति ताे परेशान हुआ। वहीं, अन्य रहवासी मीना ने बताया कि शाम 7 बजे अलाउंस के बाद पूरी रात डर में बीती। न्यूज मिलते ही बेटी से लेकर दूसरे शहरों में रहने वाले हमें कॉल करने लगे।

पूर्व कमेटी के सदस्य आलोक शर्मा ने बताया कि हमारे मल्टी में एक सज्जन ही पीड़ित थे, उन्हें भी 10 दिन हो चुके हैं और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। यह जो प्रशासन और निगम ने किया है यह पूरी तरह से गलत है। हमारे यहां पर सभी संभ्रांत लोग हैं। यह किस कारण किया है, हम इसका विरोध करते हैं। ऐसा करने से इमेज खराब होती है, लोग यहां से भागने लगते हैं, इससे सारे काम रुकते हैं। लोग कहते हैं कि आपकी मल्टी में 70 लोग पॉजिटिव आए हैं, आपको हमारे यहां आना बंद कर देना चाहिए। मेरा प्रकाशन का काम इस कारण रुक गया। मेरा पोता रात को ही यहां से चला गया। मल्टी को सील करने से यहां से हम निकल ही नहीं पा रहे हैं। हमारे चौकीदार भी भाग गए।

पूरे मामले में सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 70 का आंकड़ा चौंकाने वाला है यह कहां से आया, इसकी हम जांच करवा रहे हैं। हकीकत में उस गली में कुछ 18 लोग संक्रमित हैं। वहीं, पूरे रेस क्रॉस क्षेत्र में कुल 34 लोग संक्रमित पाए गए हैं। मल्टी में आवाजाही रोकने को लेकर कहा कि यहां पर आसपास ज्यादा संक्रमण है, इसलिए संक्रमण नहीं फैले इसलिए एहतियात के रूप में ऐसे इलाकों को बंद किया जाता है। 70 का आंकड़ा आने के बाद मैं भी सुबह से यही पता कर रहा हूं कि आखिर ये हुआ कैसे।
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