चीटियां क्या सचमुच अनुशासन में चलतीं है या फिर एक दूसरे के पीछे चलना उनकी मजबूरी है / GK IN HINDI

आपकी लाइफ में भी ऐसा हुआ होगा। आपको जब भी आपके टीचर या किसी दूसरे व्यक्ति ने अनुशासन का पाठ पढ़ाया होगा तो चीटियों का जिक्र जरूर किया हुआ। कैसे चीटियां एक दूसरे के पीछे पंक्तिबद्ध होकर चलती है। कभी एक दूसरे की टांग नहीं खिंचतीं। कभी किसी से आगे निकलने के लिए चीटिंग नहीं करती। सवाल यह है कि क्या सचमुच चीटियों के अंदर अनुशासन का महान गुण मौजूद होता है या फिर एक दूसरे के पीछे चलना उनकी कोई मजबूरी है। आइए पता लगाते हैं:-

क्या आपको पता है: मच्छर, चींटी का भाई होता है और मधुमक्खी बड़ी बहन

चींटी (Ant) जंतु जगत (Animal kingdom) के सबसे बड़े फाइलम आर्थ्रोपोडा (Arthropoda) की सदस्य है। यहां आर्थो (Artho) का अर्थ है - joint(जुड़़े हुए) तथा पोडा (poda) का अर्थ होता है-  foot (पैर) तो आर्थोपोडा का अर्थ हुआ ऐसे जंतु जिनमें जोड़ों में पैर पाए जाते है। चींटी संघ आर्थोपोडा के वर्ग insecta की सदस्य है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कीड़े -मकोड़े आते हैं। जैसे मधुमक्खी, मच्छर, मक्खी,  कॉकरोच, बिच्छू खटमल, जूं आदि (यह सभी एक दूसरे के कजिन ब्रदर-सिस्टर है)। 

चीटियों में वर्गीकरण होता है, यानी एक प्रकार का जातिवाद

इनमें कुछ सदस्य अकेले रहना पसंद करते हैं जबकि कुछ कॉलोनी या समूहों में रहना पसंद करते हैं। चींटी का एक सामाजिक कीट (social insect) है। जो Colony या समूह मे रहती है। यह फॉमीसिड़ाए नामक कुल का सदस्य है। चूँकि चींटी जब काटती है तो फार्मिक एसिड निकलता है इस कारण इसका नाम फॉर्मेसिडाय कुल पड़ गया। चीटियों की एक कॉलोनी या समूह में तीन प्रकार की चीटियां पाई जाती हैं। रानी चींटी (The queen), नर चींटी (Male) तथा मजदूर मादा चींटी (The female worker)। चींटी का शरीर: सिर (Head), धड़ (Thorax) तथा उदर (Abdomen) का बना होता है। इस कारण तीन हिस्सो का बना हुआ दिखाई देता है।

अब पढ़िए: चीटियों में अनुशासन होता है या नहीं 

अब जबकि आप चीटियों से पूरी तरह परिचित हो चुके हैं। आपको सिर्फ इतना बताना शेष रह गया है कि दुनिया भर में चीटियों की लगभग 12000 से भी ज्यादा जातियां सूचीबद्ध की जा चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि एक चींटी अपने वजन से 50 गुना अधिक वजन उठा सकती है। और सबसे मजेदार बात यह है कि चींटी जब चलती है तो अपने पीछे pheromones (एक प्रकार की रासायनिक पदार्थ) स्रावित करती जाती हैं। इस प्रकार वह अपने पीछे आने वाली चीटियों के लिए और खुद के वापस जाने के लिए एक मार्ग बना लेती है। यही कारण है कि चीटियां एक सीधी रेखा में चलती है। अनुशासन जैसी कोई बात नहीं है, उनकी मजबूरी है। यदि एक दूसरे के पीछे नहीं चलेंगी तो भटककर मर जाएंगी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

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