क्या आप अपने लिवर को पहचानते हैं, कहते तो बड़े शान से हैं सबको जानता हूं, आइए आपको मिलवाते हैं / #सरलSCIENCE

Important information about liver

मानव शरीर एक बहुत ही जटिल संरचना है। तो जाहिर है इसके कार्य भी बहुत जटिल होंगे। तो इन सभी कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए नियंत्रण एवं समन्वय जरूरी है। इसी कड़ी में शरीर में कुछ रसायन या (chemicals) पाए जाते हैं। जिनकी उपस्थिति के बिना यह कार्य होना असंभव है। यह केमिकल्स विभिन्न रूपों जैसे -हारमोंस, एंजाइम्स आदि के रूप में पाए जाते हैं, जो कि प्रोटीन के बने होते हैं। इसी कारण प्रोटीन मानव शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण घटक या तत्व है।

मानव शरीर की जैव रासायनिक प्रयोगशाला

इसे साधारण भाषा में यकृत /जिगर/ कलेजा या Liver कहा जाता है।
यह मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है (Largest gland of human body) जो एक आंतरिक अंग है, जो उदर गुहा या (Abdominal cavity) में स्थित होता है।
या साधारण भाषा में कहें तो पेट में दाहिनी तरफ (Right side) स्थित होता है। जो एक भूरे लाल रंग की संरचना है। जिसका वजन लगभग 1,500 ग्राम होता है।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि
जन्म के समय इसका वजन अधिक होता है जबकि वयस्क अवस्था में इसका वजन कम हो जाता है।
यकृत के अंदर एक महत्वपूर्ण रचना पाई जाती है जिसे पित्ताशय या (Gallbladder) क्या कहा जाता है। यही पित्त रस का श्रावण करता है।
इसके अतिरिक्त अग्नाशय (Pancreas), वृक्क (kidney) आदि भी शरीर में रासायनिक पदार्थों के संचरण का कार्य करते है।

अब आइए जानते हैं लिवर के क्या कार्य हैं? 

* यह पित्त रस (Bile juice) का श्रावण (secretion) करता है जो कि पाचन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
* अगर यह पित्त रस का श्रावण उचित मात्रा में नहीं करेगा तो हमारी पाचन क्रिया अवरुद्ध हो जाएगी।
* यह रक्त प्लाज्मा को बनाने वाली प्रोटींस का भी निर्माण करता है।
* अमोनिया जो कि जहरीली गैस है है है अमोनिया को यूरिया में बदलने का कार्य करता है।
* रक्त में उपस्थित ग्लाइकोजन  को ग्लूकोज में बदलता है जिससे ऊर्जा प्राप्त होती है।
* रक्त में उपस्थित अशुद्धियों को भी साफ करता है।

अब आइए सरल साइंस की भाषा में जानते हैं 

अगर लिवर अपना कार्य ठीक से नहीं करेगा तो क्या होगा? 

* अगर हमारा लिवर सही से काम नहीं करता है तो चक्कर आना, उल्टी आना आदि समस्याएं हो सकती है।
*  नाखून, आंख तथा त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है। जिसे  साधारन भाषा में पीलिया या jaundice  कहा जाता है| जो अपनी आगे की stages में हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी , ई कहलाते है।
* भूख में कमी, त्वचा में खुजली आदि समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती है।
*Alchohal के अधिक मात्रा में सेवन के कारण liver की कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं। 
लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्यप्रदेश के विदिशा में साइंस की टीचर हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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