टीचर्स एसोसिएशन ने "हमारा घर, हमारा विद्यालय" योजना को खतरनाक बताया / MP NEWS

ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने माननीय मुख्यमंत्री मुख्य सचिव म प्र शासन और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिख कर मांग की है कि  6 जुलाई से पूरे प्रदेश में "हमारा घर, हमारा विद्यालय" योजना के अंतर्गत शिक्षकों को घर-घर जाकर मोहल्ले में 5-6 बच्चों को किसी एक घर में एकत्र कर पढ़ाने के निर्देश हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्णतः अव्यावहारिक है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी कृषि कार्य चल रहा है। अभिभावक सुबह से खेतों में चले जाते हैं, जिससे अधिकांश घर बंद रहते हैं और जिन घरों में अभिभावक रुके रहते हैं, उनमें से अधिकांश शराब पिए हो सकते हैं। जिनका, पढ़ाने गए शिक्षकों से विवाद करने की स्थिति निर्मित हो सकती है।  

ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर घरों में कमरे छोटे और सीलन युक्त होते हैं, जहां बच्चों को दूर दूर नहीं बैठाया जा सकता। ऐसी स्थिति में को़रोना के अलावा अन्य बीमारी होने की संभावना रहेगी, साथ ही शिक्षक के या किसी परिवार के छात्र के कोरोना संक्रमित होने पर संक्रमण आसानी से फैल सकता है तथा वहां से गांव के अन्य घरों तक (बच्चों एवं शिक्षकों के घर घर जाने पर) संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा होगी। 

मोहल्ले में अलग-अलग कक्षाओं के छात्र होने के कारण पढ़ाई औपचारिकता बनकर रह गई है गांवों की कुछ  गलियों में कीचड़ होने, कुछ स्कूलों में एक से अधिक गांव के बच्चे दर्ज होने के कारण सभी बच्चों के घर तक शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं , जिससे इस योजना से सभी बच्चों को पढ़ाई का सही लाभ नहीं मिल रहा है । *ऐसे में पूरी पढ़ाई सिर्फ फोटो और विडियो बनाकर सोशल मीडिया में डालने तक ही सीमित रह गई है।

इसके विपरीत स्कूलों के भवनों में कमरे अधिक बड़े और स्वच्छ होते हैं, जहां सोशल डिस्टेंस के साथ बच्चों को बैठाया जा सकता है। विद्यालय परिसर में  कोरोना वायरस से बचाव को बच्चों के व्यवहार में लाकर कर उनकी आदत में सुधार किया जा सकता है, जिसका वे स्कूल से बाहर अपने घरों में भी पालन करेंगे, क्योंकि अभी ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे बिना मास्क लगाए और दूरी बनाए दिनभर आपस में घूमते, खेलते देखे जा सकते हैं। विद्यालय में एक दिन में एक कक्षा लगाने से उस कक्षा के सभी छात्र समान रूप से लाभान्वित होंगे। 

यदि किसी विद्यालय में कक्षा कमरों की कमी हो तो वहां हर दिन कक्षा बदल-बदल कर बच्चों को पाली में भी बुलाया जा सकता है।  मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिनांक 6 जुलाई 2020 को जारी पत्र क्रमांक D.O.No. 1-2/20200-1S.5 की गाइडलाइन में संक्रमण से बचाव में 31 जुलाई 2020 तक शिक्षकों को स्कूलों में नहीं बुलाने का निर्देश दिया है। ऐसे में शिक्षकों को घर-घर जाकर पढ़ाने का आदेश समझ से परे है। 

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