इंदौर कोरोना: मौत के आंकड़ों में हेराफेरी, अप्रैल में मृत लोगों के नाम जून की लिस्ट में / INDORE NEWS

इंदौर। कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों के इलाज और मृत्यु के मामले में इंदौर जिला प्रशासन सवालों की जद में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में हेरा फेरी साफ दिखाई दे रही है। कोरोनावायरस के कारण जिन लोगों की मृत्यु अप्रैल माह में हुई थी उनके नाम जून माह में मृत मरीजों की लिस्ट में दिखाई दे रहे हैं। 

इंदौर की वरिष्ठ पत्रकार नीता सिसोदिया की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि गुरुवार को विभाग ने जीवनदीप कॉलोनी की 62 वर्षीय महिला और मदीना नगर की 55 साल की महिला की मौत बताई, जबकि इनके सैंपल नंबर 6933 और 5015 की रिपोर्ट 14 और 25 अप्रैल को ही आ चुकी थी। अस्पताल में ये दोनों 6 दिन भर्ती रहीं, पर सरकारी रिकॉर्ड में मौत दर्ज होने में डेढ़ महीने से ज्यादा समय लग गया। अब तक ऐसे कई मामले आ चुके हैं, जिसमें मौतों की संख्या देरी से बताई गई।  जून में 97 मौत हुईं, इनमें से 34 की मौत अप्रैल या मई में ही हो चुकी थी। सारी कवायद डेथ रेट को कम बताने की चलती रही।

अब समझ में आया इंदौर की रिपोर्ट में हर रोज 4-4 मृत्यु क्यों दर्ज करते हैं 

कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन में मध्यप्रदेश में मृत मरीजों की संख्या कुछ भी हो लेकिन इंदौर में मृत्यु मरीजों की संख्या अक्सर 4 ही रहती है। इस आंकड़े पर कई बार संदेह जताया जा चुका है। अब स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो गई है क्यों इंदौर का जिला प्रशासन अपनी रिपोर्ट में हर रोज 4 मरीजों की मृत्यु दर्ज करता है। सवाल यह है कि ऐसी कितनी मौतें हैं जो अब तक रिकॉर्ड में नहीं ली गई है। 

केस- 1: 22 मई को मौत, 16 जून को रिकॉर्ड में दिखाई

दशहरा मैदान क्षेत्र निवासी 56 वर्षीय पुरुष की 17 मई को कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसी दिन अरबिंदो अस्पताल में भर्ती किया। छह दिन भर्ती रहने के बाद 22 मई को मरीज ने दम तोड़ दिया, स्वास्थ्य विभाग ने 16 जून की रिपोर्ट में उनकी मौत दर्शाई।

केस 2: रिपोर्ट आ गई, मौत के बाद जोड़ा नाम

छोटी पलटन पुलिस लाइन निवासी 67 वर्षीय मरीज की रिपोर्ट 28 अप्रैल को पॉजिटिव आई। कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया। तीन दिन बाद मौत हो गई। मरीज की मौत से पहले ही जांच रिपोर्ट आ गई थी, फिर भी उनका नाम बाद में लिस्ट में आया। 

केस 3: और इनका नाम तो अब तक नहीं आया

गुरुकृपा कॉलोनी निवासी 63 वर्षीय महिला की मौत दो महीने पहले यलो श्रेणी के अस्पताल में हुई। अस्पताल ने सूचना भी दे दी थी, लेकिन अब तक इस मौत को कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु वाली सूची में शामिल नहीं किया है। 

अस्पताल का नाम, मौत की तारीख भी हटाई, अब रिकॉर्ड ही नहीं मिलेगा

पहले कोविड मरीजों की मौत पर स्वास्थ्य विभाग मरीज की उम्र, पते के साथ अस्पताल का नाम, उसकी मौत की तारीख और रिपोर्ट की तारीख के साथ लिस्ट जारी करता था, अब इसे हटा दिया है। अब ये रिकॉर्ड ही नहीं मिलेगा कि किस मरीज की कब और कहां मृत्यु हुई। 

04 जुलाई को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

MP BOARD 10th TOPPERS LIST 2020 / जिला स्तरीय टॉपर्स की सूची 
MP BOARD 10th TOPPERS LIST 2020 / राज्य स्तरीय टॉपर्स की पूरी लिस्ट
MP BOARD 10th HIGH SCHOOL RESULT 2020 यहां देखें, SMS पर भी मिलेगा 
MP Bord 10th TOP 10 में 15 स्टूडेंट्स के नाम
कर्मचारी, कोर्ट से बरी हो जाए तो क्या उसी मामले में विभागीय जांच चल सकती है 
विधायक रामेश्वर शर्मा मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर
प्राचीन काल में क्या राजा-महाराजा भी खुले में शौच के लिए जाते थे
बहती नदी पर इंजीनियर पुल कैसे बनाते हैं, लोग बरसात में घर नहीं बना पाते
इंदौर हाईकोर्ट में ब्लास्ट, 5 गंभीर रूप से घायल 
हत्यारे को बचाने की किसी भी प्रकार की कोशिश अपराध है, पढ़िए FIR में कौन सी धारा दर्ज होगी
मध्य प्रदेश के 33 मंत्रियो में से 14 विधायक ही नहीं है: कमलनाथ
MPPSC: सहायक प्राध्यापक आरक्षण से संबंधित याचिका खारिज
जो थर्माकोल गर्म पानी में से नहीं पिघलता, माचिस की तीली से क्यों सिकुड़ जाता है
इस लड़की को ध्यान से देखिए, कहीं किसी से शादी की बात तो नहीं चल रही
देवास के बाद सागर में शिवराज सरकार मंत्रिमंडल विस्तार का विरोध
मध्य प्रदेश में 22 नगर परिषदों का गठन, अधिसूचना जारी
जबलपुर भाजपा विधायक अजय विश्नोई का बगावती बयान
झूठी गवाही के लिए धमकाना या लालच देना कितना गंभीर अपराध है, यहां पढ़िए
मध्य प्रदेश कोरोना: 32 जिलों में 10 से ज्यादा एक्टिव केस, 4 जिलों में 100 से ज्यादा
Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!