रेलवे स्टेशन और रेलवे जंक्शन में क्या अंतर है, एक स्टेशन कब जंक्शन बन जाता है / GK IN HINDI

रेलवे स्टेशन तो हम सभी ने देखे ही होंगे। ज्यादातर लोगों के लिए रेलवे स्टेशन और रेलवे जंक्शन के बीच कोई अंतर नहीं होता। उन्हें बस एक निर्धारित प्लेटफार्म पर जाना होता है जहां उनकी ट्रेन आती है लेकिन प्रश्न तो उपस्थित होता है। एक ही तरह की सुविधाएं देने वाले स्थान को कभी रेलवे स्टेशन तो कभी रेलवे जंक्शन क्यों कहते हैं? क्या इसका संबंध रेल यात्रियों की संख्या से है? कम यात्री संख्या वाला रेलवे स्टेशन और ज्यादा यात्री संख्या वाला रेलवे जंक्शन। या फिर आने वाली ट्रेनों की श्रेणी से इसका कोई संबंध है। जिस रेल अड्डे पर राजधानी, शताब्दी या इसके जैसी VVIP ट्रेन नहीं आती वह रेलवे स्टेशन और जहां ऐसी ट्रेन आती है वह रेलवे जंक्शन। आइए पता करते हैं सच क्या है।

रेल्वे स्टेशन की परिभाषा


वह स्थान जहां ट्रेन के आने और जाने के लिए डायरेक्ट ट्रैक (अप और डाउन) होता है उसे रेलवे स्टेशन कहते हैं। यहां एक दिशा से ट्रेन आती है और दूसरी दिशा में चली जाती है। ट्रेन को दिशा बदलने की सुविधा उपलब्ध नहीं होती और सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक सिटी बस स्टॉप या राज्य के भीतर एक शहर से दूसरे शहर अप डाउन बस स्टॉप की तरह होता है।

रेलवे जंक्शन की परिभाषा 


रेलवे जंक्शन वह स्थान है जहां कई दिशाओं से रेल की पटरी आकर मिलती है। यह ट्रेन दिशा बदल सकती है। यदि कभी आपने स्टेशन के आने से पहले विंडो के बाहर देखा हो तो कुछ पटरिया ऐसी होती है जो आपस में एक दूसरे से मिलती और बिछड़ते रहती हैं, वह स्टेशन रेलवे जंक्शन कहलाता है। सरल शब्दों में आप इसे कुछ इस तरह से समझ सकते हैं कि यह एक अंतर्राज्यीय बस अड्डा है। जहां चारों तरफ से बस आती है और जाती है।Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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