यदि हत्या के लिए बंदूक का ट्रिगर दबाए लेकिन गोली ना निकले, किस धारा के तहत FIR होगी / ABOUT IPC

यदि कोई व्यक्ति आपके सामने आकर खड़ा हो जाए। आपके माथे पर रिवाल्वर तान दे। आपकी हत्या करने के लिए ट्रिगर दबाए लेकिन उसकी रिवाल्वर खराब हो जाए, गोली ना निकले तब ऐसी स्थिति में हमलावर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की किस धारा के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। ऐसे कई अपराध होते हैं। एक व्यक्ति चोरी करने के लिए ताला तोड़े लेकिन फिर चोरी ना कर पाए। नकली नोट बनाने के लिए उपकरण खरीदे परंतु नोटों की छपाई ना करे। इस तरह के तमाम मामलों में क्या आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है। क्या उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। आइए इन सभी सवालों के जवाब तलाशते हैं:

IPC के अनुसार अपराध के बारे में सामान्य जानकारी:-

प्रत्येक अपराध के चार चरण होते हैं:- 1. आशय, 2. तैयारी, 3. प्रयत्न (कोशिश), 4. अपराध पूर्ण होना। यहाँ पर आशय, उद्देश्य,या लक्ष्य को अपराध नहीं माना गया है।
तैयारी को निम्न स्तर पर दण्डिनीय अपराध माना है-:
(1). भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध की तैयारी करना।
(2).किसी ऐसे राज्यक्षेत्र में लूटपाट करने की तैयारी करना जिसका भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध है।
(3).जाली नोटों के निर्माण करने की योजना बनाना या सिक्के या नाप का कुटकरण करना।
4. डकैती की तैयारी करना। ये सब तैयारी दण्डिनीय अपराध है।

पर आज की धारा में आपको बताएंगे की कौन कौन से प्रयत्न अपराध की श्रेणी में आते हैं।

जानिए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 511 क्या है:-

1.जो कोई ऐसा अपराध करने का प्रयत्न करेगा जो आजीवन कारावास या कारावास से दण्डिनीय अपराध हो। जैसे-हत्या करने का प्रयास, अपराधिक मानव वध का प्रयास, लूटपाट का प्रयास, चोरी का प्रयास, आत्महत्या का प्रयास, बलात्कार का प्रयास, किसी व्यक्ति को जहर देकर मारने का प्रयास, भारत या राज्य सरकार के विरुद्ध अपराधिक षडयंत्र करने का प्रयास आदि।

दण्ड का प्रावधान:-
धारा 511, प्रयत्न करने का अपराध,  संज्ञये एवं असंज्ञेय दोनो प्रकार के होते है। एवं यह अपराध जमानतीय ओर गैर जमानतीय भी होते हैं परन्तु यह अपराध अशमनीय (समझौता योग्य नहीं) है।
सजा:-  अगर उस अपराध का प्रयत्न किया गया है जिसकी सजा आजीवन कारावास या कारावास से दण्डिनीय है, तब जो भी अधिकतम सजा होगी उसकी आधी सजा या कारावास या उचित जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

उधारानुसार:- राम एक सन्दूक को तोडकर खोलता है और उसमें से कुछ आभूषण चुराने की कोशिश (प्रयत्न) करता है। सन्दूक को खोलने के बाद उसमें कोई भी आभूषण नहीं थे परन्तु उसने चोरी करने का प्रयत्न किया था। इस लिए राम धारा 511 के अपराध का दोषी होगा।
बी. आर. अहिरवार होशंगाबाद(पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!